भारतीयों के लिए वापस लें नई प्राइवेसी पॉलिसी : भारत सरकार ने WhatsApp के CEO को लिखा खत

punjabkesari.in Tuesday, Jan 19, 2021 - 05:26 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत सरकार ने व्हाट्सऐप को गोपनीयता नीति में किये गये हालिया बदलाव वापस लेने के लिये कहा है। सरकार ने कहा कि एकतरफा बदलाव अनुचित और अस्वीकार्य हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सऐप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विल कैथकार्ट को कठोर शब्दों में लिखे एक पत्र में कहा कि भारत में व्हाट्सऐप के सबसे अधिक उपयोक्ता (यूजर) हैं और भारत व्हाट्सऐप के लिये सबसे बड़ा बाजार है।

पत्र में कहा गया, व्हाट्सऐप की सेवा शर्तों एवं गोपनीयता नीति में प्रस्तावित बदलावों में इसके उपयोगकर्ताओं को इससे बाहर रहने का विकल्प नहीं दिया गया है। यह भारतीय नागरिकों की स्वायत्तता और उनकी पसंद के संबंध में गंभीर चिंताएं पैदा करता है।

मंत्रालय ने व्हाट्सऐप को प्रस्तावित बदलावों को वापस लेने तथा सूचना की गोपनीयता, पसंद की स्वतंत्रता व डेटा सुरक्षा पर रवैये पर पुन: विचार करने को कहा। संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 15वें भारत डिजिटल शिखर सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ संपर्क के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया जाएगा। डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे पर हाल में भारत सहित दुनिया भर में व्हाट्सऐप की भारी आलोचना हुई है।

हालांकि, व्हाट्सऐप ने कहा है कि उसके मंच पर भेजे गए संदेश पूरी तरह गोपनीय हैं और व्हाट्सऐप या फेसबुक उसके मंच से भेजे गए निजी संदेशों को नहीं देख सकते हैं। प्रसाद ने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर मेरा विभाग काम कर रहा है, और निर्णायक प्राधिकारी होने के नाते मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।

लेकिन, एक बात को बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा। चाहें व्हाट्सऐप हो, फेसबुक हो, या कोई भी डिजिटल मंच... आप भारत में व्यापार करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यहां काम कर रहे भारतीयों के अधिकारों का अतिक्रमण किए बिना ऐसा कीजिए।'' उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत संचार की शुचिता को बनाए रखने की जरूरत है। प्रसाद ने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि मेरा विभाग इस पर काम कर रहा है, मैंने केवल बुनियादी सिद्धांतों पर बात की है। मुझे इसका इंतजार करना होगा।''

भारत में अपने उत्पादों को पेश करने के लिए चीनी कंपनियों की भागीदारी के बारे में पूछने पर प्रसाद ने कहा कि सामान्य नीतिगत पहल का जिक्र करने के अलावा किसी भी देश का नाम लेना उनके लिए उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हां, हमने ऐप पर प्रतिबंध लगा दिए, क्योंकि यह मुद्दा डेटा गोपनीयता था, मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा था, मुद्दा राष्ट्रीय संप्रभुता था। इसलिए किसी भी कंपनियों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से भी विचार किया जाएगा, चाहें वह निजी हो या सरकारी।''

उन्होंने कहा कि डेटा को सहमति से प्राप्त करना चाहिए, इसका इस्तेमाल उसी काम के लिए करना चाहिए, जिसके लिए इसे जमा किया गया है, और डेटा की उचित सुरक्षा तथा शुचिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में 1.3 अरब लोगों की आबादी के साथ अरबों का डेटा है और हम अपनी डिजिटल संप्रभुता पर कभी समझौता नहीं करेंगे।

प्रसाद ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि भविष्य में भारत डेटा अर्थव्यवस्था का एक बड़ा केंद्र बन जाए। जब ​​मैं डेटा अर्थव्यवस्था के बारे में बात करता हूं, तो मेरा मतलब डेटा के प्रसंस्करण और डेटा नवाचार से है। भारत में डेटा रिफाइनरी बनने की बहुत बड़ी संभावना है... इसलिए, डाटा अर्थव्यवस्था के संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करके भारत को समृद्ध बनाना चाहिए।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘दुनिया हमारे डेटा कानून की प्रतीक्षा में है, जिसे हम बहुत जल्द लाने जा रहे हैं।''

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News