चंद्रमा पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर जागे या नहीं?, ISRO ने दिया ताजा अपडेट
punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2023 - 07:05 PM (IST)
नेशनल डेस्कः चंद्रमा पर सुबह हो चुकी है। इसरो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से संपर्क करने की लगातार कोशिश कर रही है। अभी-अभी इसरो ने चंद्रयान 3 को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। इसरो ने बताया कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से साथ संचार स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने सोशल मीडिया एक्स पर बताया, “विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संचार स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके। फिलहाल उनकी ओर से कोई संकेत नहीं मिले हैं। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) September 22, 2023
Efforts have been made to establish communication with the Vikram lander and Pragyan rover to ascertain their wake-up condition.
As of now, no signals have been received from them.
Efforts to establish contact will continue.
दरअसल चांद पर रात होने के कारण इसरो ने लैंडर और रोवर को स्लीप मोड में भेज दिया था। अगर इसरो इन दोनों को जगाने में कामयाब हुई तो ये आगे और भी कई जानकरियां देंगे। चांद पर बुधवार का दिन काफी ठंडा रहा इसलिए अब आज दिन चढ़ने और सूरज की रौशनी तेज होने के बाद लैंडर और रोवर को जगाने की बात कही जा रही है।
इससे पहले इसरो चीफ एस सोमनाथ ने 2 सितंबर को बताया था कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है।'' अब तक चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान पर लगे एक उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सतह में गंधक होने की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है। इसरो ने यह भी कि कहा कि उपकरण ने उम्मीद के मुताबिक एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता लगाया है।
बता दें कि इसरो (ISRO) ने 23 अगस्त की शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान3 की सफल लैंडिंग कराकर इतिहास रच दिया। चांद पर पहुंचने वाला भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बना। वहीं, दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया। रूस ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना मिशन लूना 25 की सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सका। रूस के लैंडर की चंद्रमा पर क्रैश लैंडिंग हुई।