सुरजेवाला बोले-कृषि कानून रद्द करने के लिए 29 नवंबर तक का इंतजार क्यों, मोदी सरकार इसे अभी करे निरस्त

punjabkesari.in Friday, Nov 19, 2021 - 12:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को सरकार के अहंकार की हार और किसानों के संघर्ष की जीत करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से अपना ‘अपराध' स्वीकार किया है और अब ‘700 किसानों की मौत एवं किसानों के दमन' के लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि देश की जनता को समझ में आ गया है कि भाजपा की हार के आगे ही देश की जीत है। अन्याय के खिलाफ यह जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!''

 

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि आज मोदी जी और उनकी सरकार के अहंकार की हार का दिन है। आज किसान विरोधी भाजपा और उनके पूंजीपति मित्रों की हार का दिन है। खेती को बेचने के षड्यंत्र की हार का दिन है। आज किसान, मंडी, मजदूर और दुकानदार की जीत का दिन है। आज 700 किसानों की शहादत की जीत का दिन है।'' उन्होंने यह भी कहा, ‘‘एक साल के संघर्ष के बाद भाजपा और अहंकारी प्रधानमंत्री को किसानों के सामने झुकना पड़ा। देश अब नहीं भूलेगा कि किसानों को कुचलने, झुकाने और दमन करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। अब जनता समझ गई कि भाजपा की हार के आगे ही जनहित, किसान, मजदूर और देश की जीत है।''

 

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘मोदी जी ने आज सार्वजनिक रूप से अपना अपराध स्वीकार किया है। अब देश की जनता इस अपराध की सजा देगी। जितना श्रेय किसानों को जाता है उतना ही श्रेय पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के डर को भी जाता है।'' उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी जी यह भी बताइए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का रोडमैप और रास्ता क्या है? आपने किसान की आय फरवरी, 2022 तक दोगुनी करने का वादा किया था और यह कब तक होगी? क्या पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी करने का इरादा है? खेती के उपकरणों पर जीएसटी से राहत देने का इरादा क्या है?''

 

सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि अगर दो जांच एजेंसियों के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए आनन-फानन में अध्यादेश लाए जा सकते हैं तो फिर सरकार इन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला सकती थी? उन्होंने कहा कि 700 किसानों की मौत के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री आगे आकर माफी मांगें।'' बता दें कि पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि संसद के आगामी सत्र में इसके लिए समुचित विधायी उपाय किए जाएंगे।


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Content Writer

Seema Sharma

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