Teacher’s Day 2025: क्यों 5 सितंबर को ही मनाया जाता है शिक्षक दिवस? जानें कैसे एक जन्मदिन बन गया पूरे देश का पर्व
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 08:55 AM (IST)

नेशनल डेस्क। हर साल 5 सितंबर को देशभर में शिक्षक दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन न केवल शिक्षकों को सम्मान देने के लिए है बल्कि शिक्षा और ज्ञान के महत्व को भी दर्शाता है। यह खास तारीख भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन से जुड़ी है।
शिक्षक दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत 1962 में हुई थी। जब डॉ. राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने तो उनके छात्रों और दोस्तों ने उनका जन्मदिन खास तरीके से मनाने की इच्छा जताई। इस पर डॉ. राधाकृष्णन ने कहा, "मेरे जन्मदिन को अलग से मनाने के बजाय अगर इस दिन को शिक्षकों को समर्पित कर दिया जाए तो मुझे बहुत खुशी होगी।" उनके इस सुझाव के बाद से ही 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
कौन थे डॉ. राधाकृष्णन?
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तनी में हुआ था। वह एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी समेत कई शिक्षण संस्थानों में दर्शनशास्त्र पढ़ाया। राजनीति में आने के बाद भी उन्होंने शिक्षा के प्रति अपना समर्पण बनाए रखा। वह 1952 से 1962 तक भारत के पहले उपराष्ट्रपति और 1962 से 1967 तक दूसरे राष्ट्रपति रहे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान ने उन्हें एक आदर्श शिक्षक और प्रेरणा का स्रोत बना दिया।
क्यों खास है यह दिन?
शिक्षक दिवस का उद्देश्य सिर्फ शिक्षकों का सम्मान करना नहीं है बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे जीवन को सही दिशा देने वाले मार्गदर्शक होते हैं। वे न केवल हमें किताबी ज्ञान देते हैं बल्कि हमारे चरित्र निर्माण और समाज की नींव मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस दिन देशभर के स्कूल और कॉलेज में छात्र अपने शिक्षकों के सम्मान में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कई जगहों पर छात्र खुद शिक्षक बनकर कक्षाएं लेते हैं और शिक्षक छात्रों की भूमिका निभाते हैं।