बजट के पहले आखिर क्यों की जाती है हलवा सेरेमनी? जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी?

punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2025 - 02:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कुछ ही दिनों में बजट पेश होने वाला है। वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। बजट से देश के हर वर्ग को काफी उम्मीदें होती हैं। बजट की पेशकश से पहले हलवा सेरेमनी की काफी चर्चा होने लगती है। इस सेरेमनी को लेकर लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठते हैं कि बजट से पहले एक बड़ी सी कड़ाही में हलवा क्यों बनता है और इसका क्या महत्व है। आइए जानते हैं कि इसका क्या उद्देश्य है और क्या इतिहास रहा है।

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कब होती है हलवा सेरेमनी-

दरअसल हलवा सेरेमनी बजट की डॉक्यूमेंटेशन के बाद की जाती है। यह आयोजन बजट प्रेस में होता है। यह बजट प्रेस नॉर्थ ब्लॉक में नीचे बेसमेंट में है। इसमें एक बड़ी सी कड़ाही में हलवा बनाया जाता है और बांटा जाता है। इस सेरेमनी में वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय के सभी अधिकारी भाग लेते हैं। इसके बाद बजट की प्रीटिंग का काम शुरु होता है।  

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इतने लोग बनते हैं भागीदार-

हलवा सेरेमनी के बाद 100 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक में ही रहते हैं। ये लोग करीब 10 दिन तक नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रहते हैं और केवल वित्त मंत्री का बजट भाषण देने के बाद ही बाहर निकलते हैं। यह नियम इसलिए है ताकि बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी लीक न हो।

क्यों होती है ये सेरेमनी-

हलवा सेरेमनी का आयोजन बजट की तैयारी पूरी होने और वित्त मंत्री के बजट भाषण से पहले किया जाता है। इस समय बजट बनाने में लगी टीम की मेहनत का फल मिलता है, जिससे एक उत्साह का माहौल बनता है। भारतीय परंपरा के अनुसार, कोई अच्छा काम पूरा होने पर मीठा खाने और खिलाने की आदत है, इसलिए हलवा खिलाकर उन अधिकारियों का मुंह मीठा किया जाता है जो बजट तैयार करने में लगे होते हैं। साल 2022 में कोरोना महामारी के कारण हलवा सेरेमनी नहीं मनाई गई थी, और उस साल बजट को डिजिटल रूप से पेश किया गया था। कोविड के बाद से फिर से हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जा रहा है।

 


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News Editor

Radhika

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