क्या होता है Economic Survey, जानें बजट से जुड़े इतिहास के अनसुने किस्से
punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2025 - 07:35 PM (IST)
नेशनल डेस्क: बजट सिर्फ एक आर्थिक दस्तावेज नहीं, बल्कि यह हमारे देश की दिशा और विकास को आकार देने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। इसके द्वारा सरकार यह सुनिश्चित करती है कि समाज के हर क्षेत्र को पर्याप्त संसाधन मिले और देश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में बढ़े। इकोनॉमिक सर्वे और बजट की प्रक्रियाएं यह बताती हैं कि कैसे सरकार विकास, प्रगति और समृद्धि की ओर अग्रसर होने के लिए अपनी वित्तीय नीतियों का निर्धारण करती है।
क्या होता है बजट?
बजट एक वित्तीय योजना है, जिसमें सरकार अपनी आय और व्यय का विवरण प्रस्तुत करती है। यह आमतौर पर हर साल 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए तैयार किया जाता है। बजट के माध्यम से सरकार यह निर्धारित करती है कि वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किस प्रकार के खर्चे करेगी और कहाँ से धन जुटाएगी। यह सरकार के वित्तीय स्वास्थ्य, आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण योजनाओं को प्रदर्शित करने का एक अहम साधन होता है।
इकोनॉमिक सर्वे: बजट से पहले का अहम दस्तावेज
बजट से पहले हर साल एक 'इकोनॉमिक सर्वे' पेश किया जाता है। यह एक दस्तावेज है, जिसमें देश की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। इसमें पिछले साल की आर्थिक वृद्धि, महंगाई दर, बेरोजगारी, आयात-निर्यात और अन्य आर्थिक गतिविधियों का विवरण होता है। इकोनॉमिक सर्वे सरकार को यह समझने में मदद करता है कि आगामी बजट में किस क्षेत्र को ज्यादा प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यह सरकार को आर्थिक निर्णय लेने में मार्गदर्शन प्रदान करता है।
जानें बजट का रोचक इतिहास
भारत में बजट की शुरुआत साल 1860 में हुई थी, जब ब्रिटिश सरकार के वित्तमंत्री ने पहली बार भारत के बजट की पेशकश की थी। इसके बाद, भारतीय बजट प्रक्रिया का विस्तार हुआ और यह एक नियमित प्रक्रिया बन गई। स्वतंत्रता के बाद, भारतीय सरकार ने अपनी नीतियों और योजनाओं को आकार देने के लिए बजट का एक स्वायत्त ढंग से निर्माण शुरू किया।
आज के समय में भारतीय बजट न केवल आर्थिक स्थिति का आंकलन करने का एक तरीका है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को प्रभावित करने वाला एक अहम दस्तावेज बन चुका है। इस बजट के माध्यम से सरकार यह तय करती है कि किस क्षेत्र को कितना पैसा दिया जाएगा, जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रक्षा आदि।
बजट से जुड़ी रोचक बातें
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भारत का पहला बजट: साल 1860 में पेश हुआ था। उस समय वित्तमंत्री जेम्स विल्सन ने भारत का पहला बजट प्रस्तुत किया था। यह बजट ब्रिटिश शासन के दृष्टिकोण से था और इसका उद्देश्य भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना था।
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पहली महिला वित्त मंत्री: भारत की पहली महिला वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण थीं, जिन्होंने साल 2019 में भारतीय बजट पेश किया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि इससे पहले यह जिम्मेदारी पुरुषों पर ही रही थी।
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बजट का समय: भारतीय बजट पहले दिन में पेश किया जाता था, लेकिन साल 1999 से यह परंपरा बदल दी गई और बजट को सुबह 11 बजे पेश करने की परंपरा शुरू हुई।
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लाइव बजट की शुरुआत: साल 1999 में, भारत ने पहली बार बजट की लाइव प्रसारण की शुरुआत की थी, जो आम लोगों को यह देखने और समझने का मौका देता है कि सरकार की आर्थिक योजना कैसी होती है।