सुबह उठते ही क्यों हाई हो जाता है ब्लड शुगर लेवल? जानिए वजह और कंट्रोल करने के तरीके
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 05:26 PM (IST)
नेशनल डेस्क : सुबह-सुबह अगर आपका ब्लड शुगर सामान्य से ज्यादा दिखता है, तो यह कई लोगों के लिए चिंता का कारण बन सकता है। खासकर टाइप-2 डायबिटीज या प्रीडायबिटीज वाले मरीजों में यह समस्या अक्सर जटिल महसूस होती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि सुबह फास्टिंग ब्लड शुगर का बढ़ना आम है और इसके पीछे शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाएं और कुछ लाइफस्टाइल कारण काम करते हैं।
क्यों बढ़ता है सुबह ब्लड शुगर?
सबसे सामान्य कारण है डॉन फिनॉमेनन (Dawn Phenomenon)। यह शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें सुबह 2 बजे से 8 बजे के बीच हार्मोन जैसे कॉर्टिसोल, ग्रोथ हार्मोन, ग्लूकागॉन और एड्रेनालिन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन शरीर को दिन की गतिविधियों के लिए तैयार करते हैं और लीवर खून में ग्लूकोज छोड़ता है ताकि सुबह ऊर्जा बनी रहे। सामान्य लोगों में इंसुलिन अतिरिक्त ग्लूकोज को तुरंत नियंत्रित कर देता है। लेकिन डायबिटीज या इंसुलिन रेसिस्टेंस वाले लोगों में यह संतुलन नहीं बन पाता और ब्लड शुगर अपेक्षा से ज्यादा दिखाई देता है।
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सोमोजी इफेक्ट भी बढ़ा सकता है शुगर
कुछ मामलों में सुबह हाई ब्लड शुगर सोमोजी इफेक्ट (Somogyi Effect) की वजह से भी होता है। यह तब होता है जब रात में ब्लड शुगर बहुत नीचे चला जाता है और शरीर उसे बचाने के लिए स्ट्रेस हार्मोन रिलीज करता है। इसके कारण सुबह ब्लड शुगर अचानक बढ़ जाता है। अक्सर लोग इसे डॉन फिनॉमेनन समझ लेते हैं, लेकिन असल में यह रात के हाइपोग्लाइसीमिया का रिबाउंड होता है।
लाइफस्टाइल कारण भी जिम्मेदार
- देर रात खाना, खासकर मीठा या कार्ब्स
- तनाव और खराब नींद
- कम शारीरिक गतिविधि
- दवाइयों का गलत समय पर लेना
ये सभी कारण इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ाकर सुबह ब्लड शुगर को हाई कर सकते हैं।
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कैसे कंट्रोल करें सुबह ब्लड शुगर?
डाॅक्टरों के अनुसार, इसे नियंत्रित करने के लिए केवल दवाइयों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। निम्न उपाय बेहद कारगर हैं:
1. हल्का और लो-कार्ब डिनर – रात में ग्लूकोज स्पाइक कम करेगा।
2. डिनर के बाद थोड़ी वॉक – इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है।
3. नींद और तनाव का ध्यान रखें – हार्मोनल बैलेंस बनाए रखता है।
4. रात में कभी-कभार ब्लड शुगर चेक करें – यह पहचानने में मदद करता है कि समस्या डॉन फिनॉमेनन है या सोमोजी इफेक्ट।
5. दवाइयों का सही समय – डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें।
