नेपाल में 'Gen Z' आंदोलन: काठमांडू के मेयर बालेन शाह क्यों बने युवाओं के हीरो? जानिए क्या मिलेगी उन्हें देश की कमान?
punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 03:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क। नेपाल एक बड़े राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। लाखों छात्र और युवा सड़कों पर हैं और इस 'जेन जेड आंदोलन' के केंद्र में एक नाम तेजी से उभरा है। बालेन्द्र शाह जिन्हें लोग प्यार से बालेन शाह कहते हैं। काठमांडू के मेयर बालेन ने युवाओं के इस विरोध प्रदर्शन को अपना पूरा समर्थन दिया है जिसके बाद अब उन्हें देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने की मांग तेज हो गई है। आज जब युवा सड़कों पर हैं तो वे बालेन को अपना हीरो और अगला नेता मान रहे हैं। गृह मंत्री रमेश लेखक ने भी पुलिस कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद नैतिक आधार पर प्रधानमंत्री ओली को इस्तीफा दे दिया है जिससे बालेन को सत्ता सौंपने की मांग और तेज हो गई है।
इंजीनियर से रैपर और मेयर तक का सफर
बालेन शाह का जीवन एक रोल मॉडल की तरह है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक सिविल इंजीनियर के तौर पर की। इसके बाद उन्होंने रैपर के रूप में अपनी किस्मत आजमाई और खूब लोकप्रियता हासिल की। साल 2022 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर काठमांडू के मेयर का चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया। उनकी अप्रत्याशित जीत ने यह साबित कर दिया कि नेपाली युवा अब पारंपरिक राजनीतिक दलों से दूर हो रहे हैं। टाइम मैगजीन ने भी उन्हें 2023 की अपनी शीर्ष 100 शख्सियतों की सूची में शामिल किया था।
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कैसे आंदोलन का केंद्र बने बालेन?
नेपाल में हाल ही में राजनेताओं के बच्चों की विलासिता भरी जीवनशैली के खिलाफ सोशल मीडिया पर #Nepokid ट्रेंड शुरू हुआ था। सरकार ने जब इसे नियंत्रित करने की कोशिश की तो देश भर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। पुलिस की कठोर कार्रवाई में 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई जिसके बाद गुस्सा और भड़क गया।
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इस पूरे घटनाक्रम में बालेन शाह ने प्रदर्शनकारियों को अपना खुला समर्थन दिया। अपने एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा, "यह आंदोलन युवाओं का है और मैं उनकी आवाज को समझना चाहता हूं।" उनके इस कदम ने युवाओं को एक नेता दे दिया। अब सोशल मीडिया पर पोस्ट की बाढ़ आ गई है जिनमें बालेन से मेयर पद छोड़कर देश का नेतृत्व संभालने की अपील की जा रही है।
ओली बनाम बालेन: पुरानी है टकराव की कहानी
काठमांडू के मेयर बालेन और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बीच टकराव नया नहीं है। यह विवाद तब शुरू हुआ था जब बालेन ने नगरपालिका के नियमों का उल्लंघन करने वाली अवैध इमारतों को गिराने का अभियान चलाया था जिसमें ओली की पार्टी से जुड़े लोग भी शामिल थे।
इसके बाद काठमांडू के कर्मचारियों का वेतन न मिलने और संघीय सरकार के साथ मेयर शाह के विवाद ने इस टकराव को और बढ़ा दिया। बालेन ने खुलेआम ओली पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और उन्हें "टुकड़ों में दफनाने" की चेतावनी तक दे डाली।