WHO ने कहा- भारत को कोरोना के साथ जीना सीखना होगा, यहां लंबे समय तक रहेगा वायरस

punjabkesari.in Wednesday, Aug 25, 2021 - 10:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन के कोरोना वायरस पर दिए बयान ने भारत के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। WHO की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि भारत से शायद कोरोना वायरस अब कभी खत्म न हो। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को इस महामारी के साथ ही जीने की आदत डालनी होगी। सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि भारत में कोरोना एक तरह से महामारी के स्थानिकता के चरण में प्रवेश कर रहा है, जहां निम्न या मध्यम स्तर का संक्रमण जारी है। स्थानिक अवस्था तब होती है जब कोई आबादी वायरस के साथ रहना सीखती है। यह महामारी के चरण से बहुत अलग है, जब वायरस आबादी पर हावी हो जाता है। 

PunjabKesari

कब मिलेगी कोवैक्सीन को मंजूरी
कोवैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के संबंध में स्वामीनाथन ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि WHO का तकनीकी समूह कोवैक्सीन को उसके अधिकृत टीकों में शामिल करने की मंजूरी देने के लिए संतुष्ट होगा और सितंबर के मध्य तक ऐसा हो सकता है। समाचार वेबसाइट 'द वायर' के लिए पत्रकार करण थापर को दिए एक इंटरव्यू में स्वामीनाथन ने कहा कि भारत के आकार और देश के विभिन्न हिस्सों में जनसंख्या की विविधता तथा प्रतिरक्षा की स्थिति के मद्देनजर यह बहुत संभव है कि देश के विभिन्न हिस्सों में उतार-चढ़ाव के साथ यह स्थिति जारी रह सकती है।

PunjabKesari

लोगों की कोरोना के साथ जीना सीखना होगा
सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि जहां तक ​​भारत का सवाल है, ऐसा जान पड़ता है कि जो हो रहा है, वो भारत के आकार और देश के विभिन्न हिस्सों में जनसंख्या की विविधता और प्रतिरक्षा की स्थिति के कारण है। यह बहुत संभव है कि यह उतार-चढ़ाव की स्थिति इसी तरह जारी रह सकती है, यानि कि यहां से अब शायद कोरोना खत्म न हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि साल 2022 के अंत तक ''हम उस स्थिति में होंगे कि हम 70 प्रतिशत तक टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे और फिर देशों में हालात वापस सामान्य हो सकते हैं।

PunjabKesari

बच्चों में कोरोना के प्रसार पर स्वामीनाथन ने कहा कि माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सीरो सर्वेक्षण को देखें और हमने अन्य देशों से जो सीखा है, उससे पता चलता है कि यह संभव है कि बच्चे संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, अधिकतर बच्चों को सौभाग्य से बहुत हल्की बीमारी होती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News