MP के रीवा में पहली बार खुलेगा सफेद बाघ प्रजनन केंद्र, CZA ने दी मंजूरी

punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 02:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में जल्द ही सफेद बाघ प्रजनन केंद्र बनाया जाएगा। इस परियोजना को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) ने मंजूरी दे दी है। इस केंद्र के बनने से सफेद बाघों की संख्या बढ़ेगी जिससे वन्यजीव पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं कुछ वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने इस योजना पर सवाल उठाए हैं।

रीवा का सफेद बाघों से खास नाता

रीवा जिले का गोविंदगढ़ सफेद बाघों के इतिहास से जुड़ा हुआ है। यहीं पर दुनिया का पहला कैद में पैदा हुआ सफेद बाघ मोहन पाया गया था। अब इसी ऐतिहासिक जगह को सफेद बाघों के प्रजनन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

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इस परियोजना में महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव सफारी और चिड़ियाघर को भी शामिल किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस केंद्र से वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा मिलेगी और देश-विदेश से पर्यटक रीवा आकर्षित होंगे।

डिप्टी CM राजेंद्र शुक्ल का बयान

➤ मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने इस परियोजना को बहुत महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि यह वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।

➤ उन्होंने केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार व्यक्त किया और कहा कि सरकार पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इससे मध्य प्रदेश का टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट और चीता स्टेट का दर्जा और मजबूत होगा।

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वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने जताई आपत्ति

पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ता अजय दुबे ने इस परियोजना पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि सफेद बाघ प्राकृतिक रूप से जंगलों में नहीं पाए जाते बल्कि वे आनुवंशिक बदलाव के कारण पैदा होते हैं। इसलिए उनका प्रजनन वन्यजीव संरक्षण के सिद्धांतों के खिलाफ हो सकता है। वहीं अजय दुबे ने इस मामले में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) को पत्र लिखा है और परियोजना की समीक्षा करने की मांग की है।

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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

इस केंद्र के बनने से रीवा जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सफेद बाघों को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आएंगे जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। बता दें कि रीवा पहले से ही वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। अब सफेद बाघों का यह प्रजनन केंद्र पर्यटन और संरक्षण दोनों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

अंत में कहा जा सकता है कि रीवा में सफेद बाघ प्रजनन केंद्र बनने से वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा लेकिन कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि सफेद बाघों का प्रजनन प्राकृतिक संतुलन के लिए सही नहीं हो सकता। अब देखना यह होगा कि सरकार इस परियोजना को कैसे आगे बढ़ाती है और वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी चिंताओं का समाधान कैसे करती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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