Maharashtra Election : एकनाथ शिंदे का वो मास्टर स्ट्रोक जिसने महाराष्ट्र में महायुति को दिलाई सफलता... जानिए क्या है जीत का राज

punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2024 - 03:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के रुझानों के मुताबिक, महायुति गठबंधन (भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट) 160  सीटों पर आगे चल रहा है। इस समय के रुझानों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि महायुति को सरकार बनाने का मौका मिल सकता है। महायुति की सफलता के पीछे कई रणनीतियाँ और कारण हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि क्या कारण रहे, जिनकी वजह से महायुति एक बार फिर सत्ता में वापसी करती दिख रही है, जबकि इसके सामने एंटी इन्कम्बेंसी और मराठा आंदोलन जैसी चुनौतियां थीं।

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1. एकनाथ शिंदे को CM बनाए रखना

  • महायुति की एक अहम रणनीति थी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखना, और यह रणनीति सफल साबित हुई।

  • शिंदे मराठा समुदाय से हैं, और उनका मराठा सम्मान को बढ़ावा देना भाजपा की एक समझदारी भरी चाल थी।

  • भाजपा ने यह संदेश बार-बार दिया कि शिंदे फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं, जिससे मराठा वोटों को अपने पक्ष में किया।

  • इस रणनीति से एमवीए को नुकसान हुआ, खासकर मराठा समुदाय के बीच।

  • शिंदे को ही मराठा सम्मान का प्रतीक मानकर, मुंबई के आम लोग ठाकरे परिवार को बाहरी मानने लगे। इसने महायुति को काफी फायदा पहुँचाया।

2. हिंदू और मुस्लिम दोनों को साधने में सफलता

  • महायुति ने हिंदू और मुस्लिम दोनों वोटों को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाबी हासिल की।

  • हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण के लिए "बंटोगे तो कटोगे" और "एक हैं तो सेफ हैं" जैसे नारे प्रभावी रहे।

  • वहीं, एनसीपी के मुस्लिम कैंडिडेट को समर्थन देकर, महायुति ने यह संदेश दिया कि वह मुस्लिम विरोधी नहीं है।

  • मदरसों के शिक्षकों की सैलरी बढ़ाना और अन्य योजनाओं से भी महायुति को मुसलमानों का समर्थन मिला। इसने उनके मुस्लिम वोट बैंक को भी बढ़ावा दिया।

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3.लड़की बहिन योजना और कल्याणकारी योजनाएं

  • महायुति के लिए लड़की बहिन योजना और कल्याणकारी योजनाएं भी एक बड़ी सफलता साबित हुई।

  • इस योजना के तहत, महिलाओं के खातों में पैसे भेजे गए, और आम जनता को यह महसूस हुआ कि एकनाथ शिंदे की सरकार उनके जीवन स्तर को सुधारने की कोशिश कर रही है।

  • कई महिला वोटर्स ने महायुति को इसलिए समर्थन दिया क्योंकि उनके खातों में हर महीने पैसा आ रहा था।

  • साथ ही, टोल प्लाजा से टोल हटाने जैसी योजनाओं ने भी जनता के बीच अच्छा संदेश दिया।

4. संघ और बीजेपी का मिलकर काम करना

  • महायुति की एक और बड़ी सफलता रही, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भाजपा के साथ मिलकर काम किया।

  • संघ के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के संदेश को हर घर तक पहुँचाया और वोटर्स को महayuति के पक्ष में करने के लिए अभियान चलाया।

  • संघ के कार्यकर्ता घर-घर जाकर भाजपा के पक्ष में प्रचार कर रहे थे और लोगों को भूमि जिहाद, लव जिहाद, धर्मांतरण और पत्थरबाजी जैसे मुद्दों के बारे में बताया।

  • इस संगठित प्रचार ने महायुति को मजबूत किया और भाजपा के गठबंधन को जनता के बीच एकजुट किया।

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5. बीजेपी की नई रणनीति

  • बीजेपी की रणनीति इस बार पूरी तरह से स्थानीय राजनीति पर केंद्रित थी।

  • पहले की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रचार नहीं किया गया, बल्कि स्थानीय नेताओं को प्रचार में आगे रखा गया।

  • इस बार महाराष्ट्र में सबसे अधिक रैलियां और सभाएं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में की गईं।

  • इससे स्थानीय मतदाताओं से बेहतर जुड़ाव बना और महायुति को इसका फायदा हुआ।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों के मुताबिक, महायुति का सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इसके पीछे की रणनीतियाँ बहुत प्रभावी रही हैं, जिनमें एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखना, कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, और हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों को साथ लाना शामिल हैं। इसके अलावा, स्थानीय राजनीति और संघ के साथ सहयोग ने भी भाजपा-शिवसेना गठबंधन को मजबूती दी, जिससे महayuति के लिए सत्ता में वापसी की संभावना मजबूत हुई।


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Content Editor

Utsav Singh

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