8th Pay Commission: सरकार ने शुरू किया मिशन 200 दिन! कर्मचारियों की सैलरी में होगा बंपर बदलाव, जानें सबकुछ
punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 11:00 AM (IST)

नेशनल डेस्क: आमतौर पर हर वेतन आयोग को लागू होने में दो से ढाई साल का वक्त लगता है, लेकिन इस बार मोदी सरकार इसे सिर्फ 200 दिनों में ही लागू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। जनवरी 2025 में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा के बाद अब केंद्र सरकार ने इसके गठन और कार्य के लिए 35 पदों का विवरण जारी किया है। ये पद प्रतिनियुक्ति के जरिए भरे जाएंगे।
अभी तक तय नहीं हुआ चेयरमैन और सदस्य
हालांकि सरकार ने आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति का ऐलान नहीं किया है, लेकिन वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने स्टाफ की डिटेल जारी कर दी है। इन कर्मचारियों के लिए पांच साल की एपीएआर रिपोर्ट और विजिलेंस क्लीयरेंस अनिवार्य की गई है। आजादी के बाद पहली बार ऐसा होगा जब केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग का गठन कर, सिफारिशें लागू करने तक का सारा काम एक साल से भी कम यानी 200 दिनों के अंदर पूरा करेगी। इससे पहले तक हर वेतन आयोग को लागू करने में 2 से 3 साल तक लगते थे।
1 जनवरी 2026 से लागू होगी सिफारिशें
सरकार पहले ही ऐलान कर चुकी है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। यानी आयोग को 6-7 महीनों के अंदर अपनी रिपोर्ट तैयार करनी होगी और सरकार को समीक्षा के बाद उसे लागू करना होगा। जानकारों के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग के दौरान जो पे मेट्रिक्स तैयार किया गया था, उसी को 8वें वेतन आयोग में दोहराया जाएगा। फर्क सिर्फ इतना होगा कि उसमें नया डेटा जोड़ा जाएगा। इस बार केवल फिटमेंट फैक्टर पर काम होगा। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय होता है तो मौजूदा 18 हजार रुपये की बेसिक सैलरी बढ़कर सीधे 36,000 रुपये तक पहुंच सकती है। अगर यह फैक्टर 1.9 रहता है तो न्यूनतम सैलरी 34,200 रुपये होगी।
ओल्ड पेंशन स्कीम प्रमुख का दावा
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के प्रमुख मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि इस बार सरकार के पास कम समय है, लेकिन काम तेजी से हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि आयोग की रिपोर्ट समय से पहले आ सकती है और कर्मचारी लाभ उठा सकेंगे।
कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने बताया कि पहले वेतन आयोग के सदस्य अंतरराष्ट्रीय अध्ययन टूर पर जाते थे, जिससे रिपोर्ट तैयार करने में समय लगता था। लेकिन अब डिजिटल युग में यह जानकारी ऑनलाइन ही मिल जाती है, जिससे काम जल्दी हो सकता है।
एचआरए और टीए में हो सकता है बदलाव
सूत्रों के अनुसार, एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) और टीए (ट्रांसपोर्ट अलाउंस) में भी बदलाव संभव है। इसके अलावा पे मेट्रिक्स में अब 18 लेवल हैं, जिनमें से कुछ को मर्ज भी किया जा सकता है।
सरकार ने अभी तक आयोग की टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) की घोषणा नहीं की है। कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगें केंद्र सरकार को भेज दी हैं, जिन पर जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है।