जाति के आधार पर आरक्षण कब समाप्त होगा? राहुल गांधी ने US में दिया बड़ा बयान
punjabkesari.in Tuesday, Sep 10, 2024 - 10:50 AM (IST)
नेशनल डेस्क: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, जो इन दिनों अमेरिकी दौरे पर हैं, ने हाल ही में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ एक बातचीत के दौरान जाति आधारित आरक्षण और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपने विचार साझा किए। उनके बयान ने भारतीय राजनीति और समाज में एक नई बहस छेड़ दी है।
आरक्षण पर राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी से जब जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पूछा गया कि जाति के आधार पर आरक्षण कब तक जारी रहेगा, तो उन्होंने उत्तर दिया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर तभी विचार करेगी जब देश में सामाजिक और आर्थिक समानता की स्थिति हो। वर्तमान में, उनका मानना है कि ऐसी स्थिति नहीं है। राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि जब तक आदिवासियों, दलितों और ओबीसी वर्ग के लोगों को समान अवसर नहीं मिलते, तब तक आरक्षण एक आवश्यक टूल रहेगा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से केवल 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपये मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही धनराशि मिलती है। उनका कहना है कि वास्तविकता में इन समुदायों को उचित भागीदारी नहीं मिल रही है। भारत के शीर्ष बिजनेस लीडर्स की सूची में आदिवासी, दलित या ओबीसी का नाम न होना इसका प्रमाण है। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि आरक्षण केवल एक साधन है और समानता लाने के लिए और भी कई उपाय हो सकते हैं।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर प्रतिक्रिया
यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में पूछे जाने पर, राहुल गांधी ने कहा कि वे इस पर टिप्पणी केवल तब करेंगे जब उन्हें बीजेपी के प्रस्ताव की पूरी जानकारी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी का प्रस्ताव अभी तक उनकी जानकारी में नहीं है, इसलिए इस पर कोई ठोस टिप्पणी करना मुश्किल है।
#WATCH | Washington, D.C, USA: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, "...Halfway through the campaign, Modi didn't think that he was near 300-400 seats...We knew when he said that I speak directly to God. We knew that there we had blown him apart...We saw it as a… pic.twitter.com/ViqVKcs5va
— ANI (@ANI) September 10, 2024
आरएसएस और बीजेपी की आलोचना
राहुल गांधी ने वर्जीनिया में प्रवासी भारतीयों के समुदाय को संबोधित करते हुए आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आरएसएस की विचारधारा यह मानती है कि कुछ राज्य, भाषाएं और धर्म दूसरों की तुलना में कमतर हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय समाज में सभी भाषाएं, राज्य और धर्म समान महत्व के हैं और सभी का समान आदर होना चाहिए। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि आरएसएस और बीजेपी की ये मान्यताएं भारतीय विविधता और एकता को समझने में विफल हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में विचार
राहुल गांधी ने अपने अमेरिकी दौरे के पहले दिन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में भी छात्रों और शिक्षाविदों से चर्चा की। उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई और भारतीय धार्मिक विचारों पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने देवता की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहा कि देवता वह होता है जिसकी अंदरूनी भावनाएं उसकी बाहरी अभिव्यक्ति के अनुरूप होती हैं। उन्होंने शिव के विनाशक विचार पर भी चर्चा की और इसे भारतीय राजनीति के विकास के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।