संसद में हंगामा: भाजपा सांसद का फूटा सिर, राहुल गांधी ने आरोपों को किया खारिज
punjabkesari.in Thursday, Dec 19, 2024 - 12:46 PM (IST)
नेशनल डेस्क: संसद का शीतकालीन सत्र आज (19 दिसंबर) एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के कारण सुर्खियों में आया। संसद भवन के भीतर और बाहर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ था, जब भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी का सिर फट गया। यह घटना संसद परिसर के भीतर विरोध प्रदर्शन के दौरान घटी, जिसके बाद भाजपा सांसद ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए।
क्या हुआ घटनाक्रम?
प्रताप चंद्र सारंगी ने दावा किया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया, और वह सांसद उनके ऊपर गिर गए, जिससे उनके सिर में चोट आ गई। इस घटनाक्रम का विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि वह संसद भवन की सीढ़ियों के पास खड़े थे, तभी राहुल गांधी वहां आए और एक सांसद को धक्का दिया। उस सांसद के गिरने से वह खुद भी गिर पड़े और उनके सिर में गंभीर चोट लग गई। सारंगी ने कहा कि इस घटना के लिए राहुल गांधी जिम्मेदार हैं, क्योंकि उनके द्वारा धक्का दिए जाने से ही यह सब हुआ। भाजपा सांसद के सिर में जो चोट आई, वह काफी गंभीर थी और इसे लेकर उनकी प्रतिक्रिया तीव्र थी।
#WATCH | Delhi | BJP MP Pratap Chandra Sarangi says, "Rahul Gandhi pushed an MP who fell on me after which I fell down...I was standing near the stairs when Rahul Gandhi came and pushed an MP who then fell on me..." pic.twitter.com/xhn2XOvYt4
— ANI (@ANI) December 19, 2024
राहुल गांधी का स्पष्टीकरण
राहुल गांधी ने इस घटना के बारे में मीडिया से बात करते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि यह सब एक घेराबंदी के दौरान हुआ। राहुल गांधी ने बताया कि वह संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे, और भाजपा सांसद उन्हें रोकने, धक्का देने और धमकाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा, "यह सब तब हुआ जब मैं संसद के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, और भाजपा सांसद मुझे रोकने के लिए मुझे धक्का दे रहे थे।" राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे, जो उस समय उनके साथ थे, उन्हें भी धक्का दिया जा रहा था। राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसद जानबूझकर उनका रास्ता रोकने की कोशिश कर रहे थे, ताकि वे संसद के अंदर प्रवेश न कर सकें। हालांकि, राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वे इस धक्का-मुक्की से प्रभावित नहीं होते, क्योंकि उन्हें संसद में प्रवेश का अधिकार है। राहुल गांधी ने कहा, "हम संविधान पर किए जा रहे हमलों को देख रहे हैं, खासकर अंबेडकर जी की धरोहर का अपमान किया जा रहा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।" राहुल गांधी का कहना था कि भाजपा सांसदों द्वारा किए जा रहे इस प्रकार के व्यवधानों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर असर पड़ता है, और यह संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है।
#WATCH | Lok Sabha LoP Rahul Gandhi says, "This might be on your camera. I was trying to go inside through the Parliament entrance, BJP MPs were trying to stop me, push me and threaten me. So this happened...Yes, this has happened (Mallikarjun Kharge being pushed). But we do not… https://t.co/q1RSr2BWqu pic.twitter.com/ZKDWbIY6D6
— ANI (@ANI) December 19, 2024
राजनीतिक तनाव और आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना ने संसद परिसर में और उससे बाहर भी राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। भाजपा ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधा, जबकि कांग्रेस ने इसे भाजपा द्वारा लोकतंत्र और संविधान पर किए जा रहे हमले के रूप में देखा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए इस तरह के हिंसक और अपमानजनक व्यवहार का सहारा ले रही है।
कांग्रेस ने कहा कि यह एक सुनियोजित कोशिश थी, जिसमें भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी और उनके नेताओं को संसद में प्रवेश करने से रोकने का प्रयास किया। इसके विपरीत, भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी के व्यवहार को आक्रामक और असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को संसद के नियमों और प्रक्रियाओं का सम्मान करना चाहिए। भाजपा नेताओं ने यह भी कहा कि कांग्रेस अपनी राजनीतिक रणनीतियों के तहत इस घटना को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रही है। संसद में आज का घटनाक्रम राजनीतिक जगत में चर्चाओं का विषय बन गया है। भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी का सिर फटने के बाद यह मामला और भी तूल पकड़ गया। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि राहुल ने एक सांसद को धक्का दिया, जिसके कारण वह उनके ऊपर गिर गए और उनके सिर में चोट आई।
राहुल गांधी ने इस घटनाक्रम पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह सब भाजपा सांसदों द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश का परिणाम था। राहुल गांधी ने कहा कि यह सब संविधान और अंबेडकर जी की स्मृति के अपमान के खिलाफ उनकी लड़ाई का हिस्सा था। इस घटना ने संसद परिसर में एक राजनीतिक उथल-पुथल को जन्म दिया है और दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज कर दिया है।