...जब सूरज के रहते भी गायब हो गई लोगों की परछाई, मुंबई में हुई हैरान करने वाली घटना
punjabkesari.in Tuesday, May 17, 2022 - 02:22 PM (IST)
नेशनल डेस्क: मुंबई में सोमवार को लोगों के साथ अजीबो-गरीब घटना हुई। दरअसल सोमवार को लोगों को अपनी परछाई दिखनी बंद हो गई। जिससे लोग हैरान रह गए। इसकी वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर लोग काफी शेयर कर रहे हैं। यहां बता दें कि इस घटना को 'ज़ीरो शैडो डे' (Zero shadow day) या 'शून्य छाया दिवस' कहा जाता है। साल में ऐसा दो बार होता है, जब सूरज सिर के ऊपर होता है पर आपकी परछाईं पैरों के नीचे नहीं दिखती। मुंबई में सोमवार ज़ीरो शैडो डे की घटना देखी गई, जबकि दो दिन पहले यानि 14 मई को पुणे में इस घटना को देखा गया था।
#ZeroShadowDay In #Pune today! This happens twice a year (only between the two Tropics) when the Declination of the Sun is equal to the Latitude of the place. We had our school outreach programme at @IUCAApune today, and here are some of at 12.30 pm @IUCAAScipop #ZSD pic.twitter.com/xvlE2oKT8T
— Somak Raychaudhury (@somakrc) May 14, 2022
क्या है ज़ीरो शैडो डे'
हम जब भी धूप में जाते हैं, तो हमें हमारी छाया (Shadow) या परछाई दिखती है। स्वाभाविक है कि जब धूप होती है, वहां छाया भी होगी, एक दिन ऐसा भी आता है जब हम धूप में होते हैं लेकिन हमारी परछाई गायब हो जाती है या यूं कहें कि दिखती नहीं हैं, इसे 'ज़ीरो शैडो डे' (Zero shadow day) या 'शून्य छाया दिवस' कहा जाता है।
कब होता है ज़ीरो शैडो डे'
ज़ीरो शैडो डे साल में दो बार आता है. यह +23.5 और -23.5 डिग्री अक्षांश (Latitude) के बीच आने वाली जगहों पर दिखता है, यानी ट्रॉपिक ऑफ कैंसर (Tropics of Cancer) और ट्रॉपिक ऑफ कैप्रिकॉर्न (Tropics of Capricorn) के बीच आने वाली जगहों पर नजर आता है। आसान शब्दों में कहें तो जब सूरज का झुकाव जगह के अक्षांश के बराबर हो जाता है, तब परछाई नहीं दिखती। जब सूरज स्थानीय मध्याह्न रेखा (Local Meridian) को पार करता है, तो सूरज की किरणें जमीन पर किसी वस्तु के सापेक्ष बिल्कुल लंबवत (Vertical) पड़ती हैं. ऐसे में उस वस्तु की कोई छाया दिखाई नहीं देती।
सूरज का झुकाव दो बार उनके अक्षांश के बराबर होगा- एक उत्तरायण के दौरान और एक बार दक्षिणायन के दौरान। इन दो दिनों में, दोपहर के समय सूरज ठीक हमारे ऊपर होगा और किसी भी चीज़ की परछाई जमीन पर नहीं पड़ेगी। पृथ्वी पर अलग-अलग जगहों के लिए इनकी तारीखें भी अलग-अलग होती हैं। ऐसे में यहां एक बात कह सकते हैं कि अंधेरे में ही नहीं कभी-कभी हमारी परछाई दिन में भी साथ छोड़ देती है।