JNU छात्रों का छलका दर्द, पूछा- जब लाठीचार्ज करना था, तो मार्च की क्यों दी अनुमति

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 09:41 AM (IST)

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस के लाठी चार्ज किया। जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने बताया कि राष्ट्रपति यूनिवॢसटी के विजिटर हैं। राष्ट्रपति जेएनयू मामले में हस्तक्षेप करके  छत्रावास शुल्क में बढ़ोतरी वापस लेने को कह सकते हैं। हम सभी राष्ट्रपति भवन तक जाकर उनसे मिलने का समय मांगने वाले थे।

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छात्रों की पुलिस से हुई झड़पें
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि महिलाओं सहित कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया, हम पर बर्बर हमले किए गए और वापस परिसर में लौटने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं और शुल्क पूरी तरह वापस लेने की घोषणा नहीं की जाती, तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे। छात्रों ने पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कीं। प्रदर्शन में शामिल श्रेया घोष ने दावा किया कि मार्च शांतिपूर्ण चल रहा था लेकन उन्होंने पहले हमें रोका और फिर हम पर हमला किया। 30 से अधिक छात्र जख्मी हो गए। इससे पहले जेएनयू के बाहर सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बल की कंपनियों की तैनाती की गई थी। परिसर जाने वाली सभी सड़कों पर यातायात व्यवस्था अहतियातन रोक दी गई थी। छात्रों से पुलिस ने यह अपील भी की थी कि शांतिपूर्वक विरोध करें। 

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छात्रों को रोकने के लिए 3 मेट्रो स्टेशन और कई मार्ग किए बंद
अधिकारियों ने जेएनयू मार्च के चलते उद्योग भवन, लोक कल्याण मार्ग और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशनों पर सोमवार को यात्रियों का प्रवेश और निकास बंद कर दिया। प्रदर्शन के कारण बाबा गंगनाथ मार्ग से सरोजिनी नगर डिपो, अफ्रीका एवेन्यू, संत नगर डिपो और हयात से लीला होटल तक यातायात बंद कर दिया गया था। यातायात को लीला होटल से आईएनए की तरफ मोड़ दिया गया था। सेंटर फॉर साइंस एंड पॉलिटिकल स्टडीज के दिव्यांग छात्र गोपाल ने बताया कि छात्रों ने कोई गलत हरकत नहीं की थी वह अपना मार्च शांति से लेकर आ रहे थे लेकिन फिर भी पुलिस ने हमें मारा। सेंटर फॉर साइंस एंड पॉलिटिकल स्टडीज के ही छात्र प्रेम ने बताया कि मेरे दोनों पैरों में कई लाठियां एक जवान ने मारी उन्होंने मुझे पकड़कर गिरा लिया और हाथों पैरों में लाठियां बरसाने लगे। हम कोई अपराधी थोड़े ही हैं जो हमारे साथ इतनी बर्बरता से पुलिस पेश आ रही है। 

 

प्रशासन छात्रों से वार्ता करने को तैयार
जेएनयू प्रशासन ने देर रात बयान जारी कर कहा कि जेएनयू प्रशासन छात्रों से बातचीत के लिए तैयार है। बयान में कहा गया कि विवि. के हितधारकों के साथ, छात्रों के साथ चर्चा के लिए जेएनयू प्रशासन हमेशा खुला है, लेकिन यह अफसोसजनक है कि एक झूठी कहानी फैलाई जा रही है कि प्रशासन छात्र प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने से इनकार कर रहा है। 

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जेएनयू अध्यापकों ने भी किया प्रदर्शन 
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी(जेएनयू) के 150 अध्यापकों ने जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) से अलग होकर एक नया फ्रंट बना लिया है। नए फ्रंट का नाम जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी टीचर्स फेडरेशन(जेएनयूटीएफ) रखा गया है। सोमवार को जेएनयूटीएफ के अध्यापकों ने साबरमती ढाबा के सामने धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर स्कूल ऑफ साइंस एंड इंडिक स्टडीज(एसएसआईएस) के प्रो. बृजेश पांडेय ने बताया कि यह फ्रंट इसलिए बनाया गया क्योंकि जेएनयूटीए की वर्तमान नीतियों से हम प्रोफेसर सहमत नहीं है। एक महीने से अधिक समय से विवि. में चल रहे गतिरोध को कम करने की जगह उन्होंने इसे और हवा दी है। उन्होंने इस मुद्दे का राजनीतिकरण भी किया है। आंदोलन के छात्रों को जेएनयूटीए के सदस्य प्रोत्साहित कर रहे हैं।

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यूजीसी ने बंद किया सफाई और मेस 
कर्मचारियों का वेतन भुगतान जेएनयू में मेस व सफाई कर्मचारियों का वेतन यूजीसी ने 9 सितम्बर को एक पत्र जारी कर देना बंद कर दिया। ये कर्मचारी विवि. के 18 हॉस्टल में काम करते हैं। पिछले 15 सालों ने यूजीसी प्राइवेट तौर पर रखे गए इन कर्मचारियों का भुगतान कर रहा था। 


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vasudha

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