Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में क्या करें, क्या न करें? जरूर जानें ये नियम वरना नाराज हो सकते हैं पूर्वज

punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 06:41 PM (IST)

नेशनल डेस्क : हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व होता है। मान्यता है कि इस समय अपने पूर्वजों को याद कर श्राद्ध, तर्पण और दान करने से उनकी आत्मा तृप्त होती है और परिवार पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है।

पितृ पक्ष की तारीख

साल 2025 में पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से होगी। यह अवधि 15 दिनों तक चलेगी। मान्यता है कि इन 15 दिनों में पितर धरती पर आते हैं और अपने परिवारजनों के श्राद्ध व तर्पण को स्वीकार करते हैं।

पालन करने योग्य नियम

पितृ पक्ष के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी माना गया है।

  • इस समय दान-पुण्य का खास महत्व होता है। अपने हाथों से ज़रूरतमंदों और ब्राह्मणों को दान ज़रूर करें।
  • तामसिक भोजन, मांस और मदिरा का सेवन वर्जित माना गया है। श्रद्धालु इस दौरान सात्विक आहार अपनाते हैं।
  • इस अवधि में किसी को कष्ट पहुंचाना या अपमान करना शुभ नहीं माना जाता।

माना जाता है कि, जो लोग इन नियमों का पालन नहीं करते उनसे उनके पूर्वज नाराज हो जाते हैं और उन लोगों को पाप भी लगता है। 

ब्राह्मण भोज और दक्षिणा

पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराने की परंपरा है। श्रद्धालु उन्हें आदरपूर्वक अपने घर बुलाकर भोजन कराते हैं और सम्मानस्वरूप दक्षिणा देते हैं। यह कार्य पितरों की आत्मा को प्रसन्न करने वाला माना जाता है।

श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का महत्व

इस समय श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना सबसे जरूरी धार्मिक कार्य माने जाते हैं। माना जाता है कि इन कर्मों से पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस समय अपने पाप और भूल-चूक के लिए पितरों से क्षमा मांगनी चाहिए।

पशु-पक्षियों को भोजन कराना

पितृ पक्ष में पशु-पक्षियों को भोजन खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। खासकर गाय और कौए को भोजन कराना पितरों को तृप्त करने के समान माना जाता है।

 


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Content Editor

Mehak

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