भारत में जानवरों के साथ ''गंदा काम'' करने पर क्या मिलती है सजा, जानिए कानून?
punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 06:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जानवर इंसानों की तरह बात नहीं कर सकते और अपनी तकलीफ नहीं बता पाते। इस कमजोरी का गलत फायदा उठाने वाले कुछ लोग जानवरों के साथ गलत व्यवहार करते हैं, जैसे यौन शोषण। इसे ‘बेस्टियालिटी’ कहा जाता है। बहुत लोग पूछते हैं कि क्या भारत में जानवरों के साथ यौन शोषण के लिए कोई सख्त कानून है और ऐसे लोगों को सजा मिलती है या नहीं। चलिए आसान भाषा में जानते हैं भारत में इस मामले की हकीकत।
जानवरों के खिलाफ यौन शोषण के मामले
फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन ने जानवरों के साथ होने वाले यौन अपराध और क्रूरता के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की हैं। उन्होंने संविधान के कुछ नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि जानवर भी संवेदनशील प्राणी हैं और उनके अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।
हाल ही में दिल्ली के शाहदरा में एक व्यक्ति को कुत्तों के साथ यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। साकेत इलाके में एक कुत्ते के निजी अंग में कंडोम मिला था। कोयंबटूर में भी ऐसा एक मामला सामने आया। लेकिन भारत में ज्यादातर लोग जानवरों के साथ ऐसे अपराध को गंभीरता से नहीं लेते जब तक कि इसका विरोध बहुत ज्यादा न हो।
क्या है भारत का कानून?
भारत में अभी तक जानवरों के यौन शोषण के लिए कोई कड़ा कानून नहीं है। ब्रिटिश शासन के दौरान 1860 में बने आईपीसी की धारा 377 में इसे अपराध माना जाता था, लेकिन 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा के कई हिस्सों को खत्म कर दिया। अब इस तरह का कोई विशेष कानून नहीं है जो जानवरों के खिलाफ यौन शोषण के मामलों को सीधे सजा दे।
वहीं, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अभी भी आईपीसी की धारा 377 लागू है। भारत सरकार ने 2022 में पशु क्रूरता कानून में यौन हिंसा को शामिल करने का मसौदा बनाया था, लेकिन अभी तक इसे संसद में पेश नहीं किया गया है।