शादी समारोह: टेंट माफिया पर डीडीए की टेढ़ी नजर

punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2019 - 04:45 AM (IST)

नई दिल्ली: यदि सब-कुछ योजनाबद्ध तरीके से हुआ तो आने वाले दिनों में डीडीए के ग्राउंड में शादी-समारोह के लिए टेंट आदि लगवाने के लिए आयोजकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। डीडीए ने अपने ग्राउंड में उत्सव पंडाल लगाने की योजना बनाई है। अस्थायी और स्थाई पंडाल इन ग्राउंड में बनेंगे। रोहिणी, पूर्वी दिल्ली के सीबीडी ग्राउंड सहित पांच स्थल के लिए योजना पर विचार किया जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि डीडीए ने टेंट माफिया के चंगुल से लोगों को बचाने के लिए ग्राउंड की ऑनलाइन बुकिंग आरंभ की है, लेकिन कुछ प्रमुख साइटों की बुकिंग में टेंट माफिया अलग-अलग नाम से पहले से ही कर लेते हैं। जिसका लाभ वह सीजन में उस स्थान पर समारोह के लिए आने वालों से महंगे शुल्क वसूलकर उठाते हैं। ऐसे सभी स्थानों पर डीडीए उत्सव पंडाल बनाने की योजना में जुटा है। वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछले दिनों डीडीए का एक विशेष दल दक्षिण भारत में भी ऐसे पंडाल की जानकारी करने के लिए गया था। फिलहाल उत्सव पंडाल को लेकर डिजाइन चित्र तैयार किए गए हैं।

ऐसे होंगे पंडाल

  • अभी डीडीए के 364 खुले मैदान, 58 सामुदायिक केंद्र और 27 पार्क हैं
  • इनका शादियों, धार्मिक व अन्य कार्यों में होता है उपयोग 
  • पंडालों में सुविधा को लेकर 3 तरह की श्रेणियां उपलब्ध होंगी। 
  • स्थायी उत्सव पंडाल के साथ मैदान और शौचालय आदि सुविधा रहेगी।
  • स्थायी हॉल के अलावा पार्किंग, लॉन व अन्य पर भी ध्यान दिया जाएगा।
  • यहां टेंट और जरूरत के अनुसार सामान डीडीए ही उपलब्ध कराएगा। 
  • पंडालों की दूसरी श्रेणी में अद्र्ध-स्थायी संरचनाएं होंगी, जहां बाहरी स्ट्रक्चर होंगे। 
  • तीसरी श्रेणी के उत्सव पंडाल में डीडीए केवल खुले मैदान देगा।
  • उत्सव पांडाल इस तरह से तैयार होंगे कि वहां टेंट लगवाने में समस्या नहीं आएगी। 
  • शौचालय पहले से ही वहां पर डीडीए बनाकर देगा। 


डीडीए की वेबसाइट पर मिलेगी दिल्ली की प्रॉपर्टी की जानकारी
आने वाले दिनों में दिल्ली की प्रॉपर्टी को लेकर छानबीन करने के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। डीडीए ने अपने अधीनस्थ आने वाली समस्त प्रॉपर्टी को डिजिटलीकरण करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।  अधिकारियों के अनुसार, इस कार्य के लिए बाहरी संस्थान की मदद भी ली जा रही है। ताकि बेहतर तरीके से और जल्द से जल्द इसे अंजाम दिया जा सके। अधिकारी ने कहा कि फिलहाल शुरुआत में 400 स्थान चिन्हित किए गए हैं। जल्द ही पूरी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रिहायशी, कामॢशयल सहित अन्य प्रकार की प्रॉपर्टी को भी इसमें शामिल किया जाएगा। प्रोपर्टी का डिजिटलीकरण रिकार्ड होने से लोगों को अपने प्रॉपर्टी संबंधी कार्य कराने में भी सुविधा रहेगी। साथ ही रिकार्ड को सहेजकर रखने में डीडीए को भी मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। 


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Pardeep

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