Wayanad landslide: घर के ऊपर से आया पानी, एक झटके में बह गया सब कुछ... CCTV फुटेज में कैद हुई तबाही की भयावह तस्वीरें

punjabkesari.in Monday, Aug 19, 2024 - 10:03 AM (IST)

नेशनल डेस्क: केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई 2024 को एक भयावह भूस्खलन हुआ, जिसने इलाके में व्यापक तबाही मचाई। यह घटना रात के समय हुई, जब अचानक आई भारी बारिश के कारण भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई। 

भूस्खलन का मंजर सीसीटीवी फुटेज में हुआ कैद
वायनाड में चूरलमाला स्थित एक बेकरी के सीसीटीवी कैमरों द्वारा इस भूस्खलन की डरावनी तस्वीरें कैद की गई हैं। फुटेज में देखा जा सकता है कि कैसे घरों और सड़कों को ढकते हुए भारी मात्रा में मलबा और पानी बहने लगता है। इस दौरान, सड़कें और घर पूरी तरह से ध्वस्त हो जाते हैं, जिससे क्षेत्र में एक भयानक दृश्य उत्पन्न होता है। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया दौरा
भूस्खलन के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त को वायनाड का दौरा किया। मोदी ने चूरलमाला और अन्य प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां राहत शिविरों में रहने वाले लोगों से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने रेस्क्यू किए गए लोगों से बात की, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे, जिन्होंने इस आपदा में अपने परिवार के कई सदस्यों को खो दिया था। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कन्नूर हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर के माध्यम से वायनाड पहुंचे और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद, वे कलपेट्टा में एसकेएमजे हायर सेकेंडरी स्कूल में उतरे और सड़क मार्ग से चूरलमाला पहुंचे, जहां सेना द्वारा बनाए गए 190 फुट लंबे बेली ब्रिज का निरीक्षण किया। उन्होंने भूस्खलन प्रभावित लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना।

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क्या है जलवायु परिवर्तन की भूमिका
इस भूस्खलन की गंभीरता में जलवायु परिवर्तन का प्रमुख हाथ है। वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप की हालिया स्टडी के अनुसार, मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के कारण 30 जुलाई 2024 को वायनाड में हुई बारिश और अधिक भयंकर हो गई थी। अध्ययन में बताया गया है कि इस घटना के दौरान बारिश की मात्रा में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि वायनाड में मात्र 48 घंटों के भीतर 572 मिलीमीटर बारिश हुई, जो पूर्वानुमानित मात्रा से दोगुनी से भी अधिक थी। इस अत्यधिक बारिश ने भूस्खलन की स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया।
 

क्या है भविष्य की संभावनाएँ
वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप ने चेतावनी दी है कि यदि वैश्विक तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होती है, तो केरल में एक दिन की वर्षा की घटनाएं अतिरिक्त 4 प्रतिशत बढ़ सकती हैं। इसका मतलब है कि भविष्य में इस तरह के भूस्खलनों की घटनाएं और अधिक बढ़ सकती हैं, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को दर्शाता है। यह घटना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की गंभीरता को उजागर करती है और हमें इसके प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता को दर्शाती है। वायनाड में आई इस आपदा ने न केवल जीवन की कीमत चुकाई है बल्कि हमें यह भी याद दिलाया है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कितना दूरगामी हो सकता है।

 


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Content Editor

Mahima

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