जोजिला में बर्फ की 14 km लंबी सुरंग बनाने में जुटे 3 इडियट्स के वांगचुक, शेयर किया वीडियो
punjabkesari.in Monday, Mar 01, 2021 - 10:58 AM (IST)
नेशनल डेस्क: आविष्कारक एवं शिक्षाविद सोनम वांगचुक इन दिनों नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। वांगचुक जम्मू-कश्मीर को लद्दाख (Ladakh) से जोड़ने वाले श्रीनगर-लेह हाईवे पर जोजिला में बर्फ की सुरंग बनाने पर विचार कर रहे हैं। वांगचुक इसलिए यह सुरंग बनाना चाहते हैं ताकि साल के हर महीने इस रूट पर वाहनों का आवागमन जारी रहे। सोनम वांगचुक ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसका एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह बता रहे हैं कि कैसे अलग-अलग मॉडल्स पर काम कर रहे हैं। यह सुरंग करीब 14.15 किमी लंबी होगी, हालांकि इसके बनने के बाद भी बर्फ को लेकर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वांगचुक ने इस प्रोजेक्ट को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अफसरों से भी बात की है। सोनम वांगचुक ने कहा कि अगर हाईवे के ऊपर किसी तरह से चार इंच मोटी बर्फ को जमाने में सफलता मिल जाए तो बर्फ की सतह अपने आप मोटी होती जाएगी।
AND FINALLY THE ICE TUNNEL VIDEO...
— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) February 27, 2021
Another crazy idea!
Please click this link to pkay video:https://t.co/XciucyDL3C
@NHAI_Official #ClimateChange #CarbonNeutral #Ladakh pic.twitter.com/E8bCDqvsgo
सेना के जवानों के लिए बनाया सौर ऊर्जा से गर्म रहने वाला टेंट
सोनम वांगचुक ने सौर ऊर्जा से गर्म रहने वाला पर्यावरण अनुकूल तम्बू (टेंट) विकसित किए हैं जिसका इस्तेमाल सेना के जवान लद्दाख के सियाचिन एवं गलवान घाटी जैसे अति ठंडे इलाके में कर सकते हैं। बता दें कि बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘थ्री इडियट्स' में फुंगसुक वांगडू का किरदार वांगचुक पर ही आधारित था। वांगचुक ने कई पर्यावरण अनुकूल अविष्कार किए हैं। वांगचुक ने कहा कि सौर ऊर्जा से गर्म रहने वाले सैन्य टेंट (तम्बू) जीवाश्म ईंधन बचाएंगे जिसका पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ता है और साथ ही सैनिकों की सुरक्षा भी बढ़ाएंगे।
वांगुचुक ने बताया कि ये टेंट दिन में सौर ऊर्जा को जमा कर लेते हैं और रात को सैनिकों के लिए सोने के गर्म चेम्बर की तरह काम करते हैं। चूंकि इसमें जीवश्म ईंधन का इस्तेमाल नहीं होता है, इसलिए इससे पैसे बचने के साथ-साथ उत्सर्जन भी नहीं होता है। इस सैन्य टेंट में सोने के चेम्बर का तापमान ऊष्मारोधी परत की संख्या को कम या ज्यादा कर बढ़ाया एवं घटाया जा सकता है।
वांगचुक ने बताया कि सोने के चेम्बर में चार परत होती है और बाहर शून्य से 14 डिग्री सेल्सियस कम तापमान होने पर इसमें 15 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है। टेंट का कोई भी हिस्सा 30 किलोग्राम से अधिक वजनी नहीं है, जिससे आसानी से इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। वांगचुक ने बताया कि हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टर्नटिव, लद्दाख (एचआईएएल) की उनकी टीम ने इस टेंट के प्रोटोटाइप को एक महीने में तैयार किया।