Manipur Violence: मणिपुर में फिर हिंसा, 80 घरों में आगजनी के बाद सरकार सख्त...40 उग्रवादी ढेर

punjabkesari.in Monday, May 29, 2023 - 08:38 AM (IST)

नेशनल डेस्क: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में लोगों पर गोलीबारी और उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की अलग-अलग घटनाओं में रविवार को दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए।

 

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंफाल पश्चिम जिले के फयेंग में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि सुगनू में हुई गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। सुगनू में छह और सेरौ में चार अन्य लोग घायल हो गए। 

 

सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच झड़प

अधिकारियों ने बताया कि ताजा संघर्ष तब शुरू हुआ जब सेना ने शांति कायम करने के लिए समुदायों को हथियारों से मुक्त करने को लेकर तलाशी अभियान शुरू किया। मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है। राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हालिया दौर की ‘‘झड़प समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई है।''

 

सिंह ने यह भी कहा कि सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा एके-47, एम-16 और स्नाइपर राइफल से लोगों पर गोलीबारी करने के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में इन उग्रवादियों को निशाना बनाया। मुख्यमंत्री ने लोगों से सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही में बाधा नहीं डालने की अपील की और उनसे ‘‘सरकार में विश्वास रखने और सुरक्षा बलों का समर्थन करने'' का आग्रह किया। अधिकारी ने कहा कि काकचिंग थाने से मैतेई समूह द्वारा हथियार लूटे जाने की भी अपुष्ट सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि काकचिंग जिले के नपाट, सेरौ और पास के सुगनू में उग्रवादियों ने मैतेई समुदाय के लगभग 80 घरों में आगजनी की, जिसके कारण ग्रामीणों को आधी रात को भागना पड़ा। 

 

3 मई से मणिपुर से तनाव

पिछले कुछ घंटों में हुई हिंसा के कारण जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिले में कर्फ्यू में 11 घंटे की छूट को घटाकर केवल साढ़े छह घंटे का कर दिया। मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई। आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर पहले से तनाव गहराया हुआ था। मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। राज्य में हालात सामान्य करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ी, जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं।


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Content Writer

Seema Sharma

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