विजयन ने भाजपा, कांग्रेस पर मुस्लिम बहुल मलप्पुरम को गलत तरीके से चित्रित करने का लगाया आरोप
punjabkesari.in Friday, Oct 25, 2024 - 06:55 PM (IST)
नेशनल डेस्क : केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) पर तीखा निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि संघ परिवार मलप्पुरम जिले को गलत तरीके से पेश कर रहा है और देश की सबसे पुरानी पार्टी भी इस विमर्श का समर्थन कर रही है। विजयन ने राज्य में उपचुनाव में वाम उम्मीदवारों के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरूआत की। विजयन को हाल ही में मलप्पुरम में सोने की तस्करी और हवाला लेनदेन को ‘‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों'' से जोड़ने वाली टिप्पणी के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि सरकार सोने की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और अपराध को अपराध के रूप में देखा जाना चाहिए, किसी विशेष समुदाय को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिले के बारे में अपनी पिछली विवादास्पद टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, ‘‘इन मुद्दों को एक विशिष्ट समुदाय से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सरकार उस दृष्टिकोण का समर्थन नहीं करेगी।'' विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने विजयन पर मलप्पुरम टिप्पणी को लेकर निशाना साधा था और उन पर मुस्लिम बहुल जिले को गलत तरीके से चित्रित करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनसे माफी मांगने और स्पष्टीकरण की मांग की गई थी।
शुक्रवार को चेलाक्कारा विधानसभा क्षेत्र में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) उम्मीदवार यू आर प्रदीप के उपचुनाव संबंधी बैठक का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया और दावा किया कि कांग्रेस ने इस दुष्प्रचार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने जनसंघ के साथ मिलकर मलप्पुरम जिले के गठन का विरोध किया था और इसे 'छोटा पाकिस्तान' तक कह दिया था। हालांकि, मलप्पुरम जिले की स्थापना के एलडीएफ के फैसले को मान्यता मिली है।''
मलप्पुरम जिले का गठन 16 जून 1969 को मार्क्सवादी नेता ईएमएस नंबूदरीपाद की सरकार के दौरान हुआ था। जिले के गठन का उद्देश्य कोझिकोड जिले की विशालता की समस्या को कम करना और अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना था। विजयन ने अपने भाषण में कहा कि केरल देश के कई अन्य राज्यों के विपरीत सांप्रदायिक दंगों से मुक्त राज्य है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘एलडीएफ सांप्रदायिकता पर समझौता नहीं करता है, जबकि कई राज्यों में सत्ता में बैठे लोग ऐसी अशांति का समर्थन करते हैं। एलडीएफ सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, एक ऐसा रुख जिसका न तो कांग्रेस और न ही भाजपा दावा कर सकती है।
भाजपा, विशेष रूप से, सांप्रदायिक घृणा भड़का रही है, जिसके कारण अक्सर दंगे होते हैं।'' मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की आलोचना की और उस पर धर्मनिरपेक्षता का दावा करते हुए हिंदुत्व के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया। विजयन ने विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन और केरल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के. सुधाकरन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘राज्य में इसके एक नेता ने कहा कि उन्होंने आरएसएस शाखाओं की रक्षा की है, जबकि दूसरे ने गोलवलकर की तस्वीर के सामने दीया जलाया।'' मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि 1959 के चुनावों में कांग्रेस ने पट्टांबी में ईएमएस को हराने के लिए जनसंघ के साथ गठबंधन किया था, लेकिन वह जीत गए।
उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में त्रिशूर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 87,000 मतों का नुकसान हुआ, जबकि एलडीएफ को पिछले चुनाव की तुलना में 16,000 वोट अधिक मिले। कांग्रेस के वोट कहां गए?'' उनका परोक्ष तौर पर इशारा त्रिशूर सीट से भाजपा उम्मीदवार सुरेश गोपी की जीत की ओर था, जिसमें उन्होंने वाम और कांग्रेस को हराया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हर दिन समर्थन खो रही है। उन्होंने कहा कि उनके पास एक प्रदेश अध्यक्ष हैं जो इशारा कर रहे हैं कि वह किसी भी समय भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता का भी जिक्र किया और जमात-ए-इस्लामी तथा एसडीपीआई पर इसे बढ़ावा देने का आरोप लगाया। विजयन पर पलटवार करते हुए सतीशन ने आरोप लगाया कि वह विजयन ही थे जिन्होंने केरल माकपा को संघ परिवार के साथ संरेखित किया है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि विजयन द्वारा उनके और उनके परिवार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जारी जांच से ध्यान हटाने के प्रयासों ने माकपा को कमजोर किया है। पलक्कड़ में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान सतीशन ने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री ने दोबारा चुने जाने के तुरंत बाद तिरुवनंतपुरम के मैस्कॉट होटल में आरएसएस नेताओं से मुलाकात की और उनसे बातचीत करने के लिए एडीजीपी अजित कुमार को भेजा। मुख्यमंत्री विजयन ने एडीजीपी कुमार के साथ मिलकर त्रिशूर में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने की साजिश रची।'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांप्रदायिक ताकतों के साथ समझौता नहीं करेगी, उन्होंने कहा, ‘‘यह माकपा थी जिसे दशकों तक जमात-ए-इस्लामी से समर्थन मिला।'' उन्होंने दावा किया, ‘‘मैंने जिन पांच चुनावों में चुनाव लड़ा है, उनमें उन्होंने एलडीएफ का समर्थन किया है।''
चेलाक्कारा में उपचुनाव की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि मौजूदा विधायक के राधाकृष्णन अलाथुर संसदीय सीट से लोकसभा के लिए चुने गए हैं। चेलाक्कारा में, माकपा की उम्मीदें निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक यू आर प्रदीप पर टिकी हैं, जो पूर्व कांग्रेस सांसद राम्या हरिदास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ को केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव एन के सुधीर से चुनौती मिल रही है, जिन्हें विधायक पी वी अनवर के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक मूवमेंट ऑफ केरल (डीएमके) का उम्मीदवार घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अपने प्रचार अभियान के तहत अन्य दो निर्वाचन क्षेत्रों - पलक्कड़ विधानसभा क्षेत्र और वायनाड लोकसभा क्षेत्र - का दौरा करेंगे, जहां उपचुनाव हो रहे हैं।