विजय माल्या ने सरकार द्वारा उनसे वसूली गई राशि पर उठाए सवाल, कहा- "मुझसे दोगुनी रकम वसूली गई"
punjabkesari.in Thursday, Dec 19, 2024 - 10:22 AM (IST)

नेशनल डेस्क। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने सरकार द्वारा उनसे वसूली गई राशि पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस (KFA) के ऋण को लेकर न्यायाधिकरण द्वारा तय की गई राशि से दोगुनी रकम मुझसे वसूली गई है।
क्या कहा था वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने?
लोकसभा में पूरक अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि विजय माल्या की 14,131.6 करोड़ रुपये की संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वापस कर दी गई है।
विजय माल्या का जवाब:
विजय माल्या ने दावा किया कि
: ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) ने किंगफिशर एयरलाइंस के मामले में कुल 6203 करोड़ रुपये की वसूली तय की थी।
: इसमें 1200 करोड़ रुपये ब्याज शामिल था।
: उन्होंने आरोप लगाया कि 8000 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त वसूली की गई है।
: माल्या ने सवाल किया कि क्या सरकार और बैंक यह साबित कर सकते हैं कि उन्होंने यह अतिरिक्त राशि कैसे वसूली?
विजय माल्या का दर्द:
माल्या ने लिखा,
: "मैं न्याय पाने का हकदार हूं।"
: "मुझसे ज्यादा रकम वसूलने के बाद भी मुझे आर्थिक अपराधी कहा जाता है।"
: उन्होंने कहा कि यह घोर अन्याय है और यह सवाल उठाने की हिम्मत किसी में नहीं है।
: "मेरे खिलाफ जो भी किया गया है, वह कानूनी रूप से सत्यापित होना चाहिए।"
CBI के आरोपों पर माल्या का पक्ष:
माल्या ने अपने ऊपर लगे 900 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के आरोपों का खंडन किया।
: उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कोई रकम चोरी नहीं की।
: किंगफिशर एयरलाइंस के ऋण के गारंटर के रूप में आईडीबीआई बैंक से ऋण लिया गया था जिसे बैंक की क्रेडिट समिति और बोर्ड ने मंजूरी दी थी।
: उन्होंने दावा किया कि इस ऋण और उसका ब्याज पहले ही चुका दिया गया है।
: नौ साल बीतने के बाद भी धोखाधड़ी और धन के दुरुपयोग का कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला।
क्या है मामला?
: किंगफिशर एयरलाइंस के बंद होने के बाद माल्या पर 9000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण न चुकाने का आरोप लगा।
: उन्होंने भारत से भागकर ब्रिटेन में शरण ले ली थी।
: भारत सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के माध्यम से उनकी संपत्तियों को जब्त कर बैंकों को नुकसान की भरपाई की।
वहीं विजय माल्या का दावा है कि उनसे न्यायाधिकरण द्वारा तय राशि से अधिक वसूली की गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें अन्याय का शिकार बनाया गया और आरोपों के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। हालांकि सरकार और बैंकों ने इस पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।