इस्तीफे से एक रात पहले जगदीप धनखड़ ने 800 मेहमानों को दी थी दावत... सभी पार्टियों के नेताओं को बुलाया था
punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 02:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नई दिल्ली की राजनीति इन दिनों अचानक उठे एक तूफान से हिली हुई है-देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, और उनके इस फैसले ने न सिर्फ हैरानी पैदा की है, बल्कि कई सवालों को भी जन्म दे दिया है। क्या वजह सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी थी या पर्दे के पीछे कोई गहरी राजनीतिक हलचल छिपी है?
21 जुलाई की देर रात जब उनका इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा गया, उससे ठीक एक दिन पहले उन्होंने एक भव्य भोज का आयोजन किया था। शुरुआत में इसे महज उनकी पत्नी के जन्मदिन का जश्न माना गया, लेकिन अब यह फेयरवेल के तौर पर देखा जा रहा है। करीब 800 मेहमानों के बीच हर पार्टी के नेता मौजूद थे। यहां तक कि विपक्ष के नेता अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए और उनकी धनखड़ से व्यक्तिगत बातचीत भी हुई।
इस्तीफे के ठीक 24 घंटे पहले एक और दिलचस्प मुलाकात हुई-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह धनखड़ के आवास पर पहुंचे। दोनों के बीच क्या चर्चा हुई, इसका खुलासा नहीं हो पाया, लेकिन अगले ही दिन उपराष्ट्रपति ने अपने पद से विदाई ले ली।
सूत्रों का दावा है कि संसद के संचालन के तौर-तरीकों को लेकर धनखड़ की कुछ केंद्रीय नेताओं से तीखी असहमति रही थी। खासकर लोकसभा और राज्यसभा के बीच समन्वय की कमी और सदन चलाने की रणनीति को लेकर मतभेद सामने आए। कहा जा रहा है कि राज्यसभा में उनके काम करने के तरीके से कुछ बड़े नेता सहज नहीं थे।
एक और छोटी मगर अहम बात—धनखड़ का सिंधिया के घर डिनर पर जाना तय था, लेकिन ऐन वक्त पर वो कार्यक्रम रद्द हो गया। इसके बाद सिंधिया ने उनके घर खाना भिजवाया।
जब मल्लिकार्जुन खरगे से इस्तीफे पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने साफ कहा, "धनखड़ ने क्यों इस्तीफा दिया, ये वही जान सकते हैं। हमसे इसका कोई लेना-देना नहीं है।"