उत्तराखंड में गहरा सकता है बिजली संकट! पहाड़ों में भारी बारिश और गाद कारण कई टरबाइन बंद, विद्युत उत्पादन प्रभावित
punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 07:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क : उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब प्रदेश के विद्युत उत्पादन पर साफ देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) के कई पावर हाउस की टरबाइनें नदियों में आई गाद और ओवरफ्लो के कारण थम सी गई हैं। इसके चलते विद्युत उत्पादन क्षमता आधे से भी ज्यादा घट गई है। यदि यह स्थिति सामान्य नहीं हुई तो प्रदेश में बड़े पैमाने पर बिजली संकट उत्पन्न हो सकता है, जिससे आर्थिक नुकसान के साथ-साथ आम जनता को भी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तर भारत समेत देश के कई राज्यों में मानसूनी बारिश का प्रभाव जारी है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। उत्तराखंड की नदियां और नाले उफान पर हैं, जिनमें भारी मात्रा में गाद भी बह रही है। इस गाद के कारण प्रदेश में विद्युत उत्पादन धीमा पड़ गया है। यूजेवीएनएल के कई पावर हाउसों में टरबाइन की रफ्तार गाद जमाव और ओवरफ्लो की वजह से रुक गई है।
विद्युत उत्पादन में कमी
30 अगस्त को प्रदेश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 23.715 मिलियन यूनिट थी, जबकि उस दिन 3.231 मिलियन यूनिट उत्पादन हानि दर्ज की गई। लेकिन 1 सितंबर को उत्पादन क्षमता घटकर केवल 12.474 मिलियन यूनिट रह गई और उत्पादन हानि बढ़कर 13.853 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई। नदियों में गाद जमने के कारण छिबरो, खोदरी, चीला और ढालीपुर सहित कई जलविद्युत परियोजनाओं की टरबाइनें बंद करनी पड़ी हैं।
टरबाइन पर पड़ रहा भारी असर
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गाद जमने से टरबाइन पर दबाव बढ़ जाता है और उपकरणों के खराब होने का खतरा रहता है। इस वजह से सुरक्षा की दृष्टि से कई इकाइयों को बंद करना पड़ा है। हालांकि, मौजूदा समय में तापमान कम होने के कारण बिजली की खपत में भी कमी आई है, जिससे मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बना हुआ है और फिलहाल बड़े स्तर पर बिजली संकट टला हुआ है।