UP में भाजपा का गणित बिगाड़ सकता है अपना दल
punjabkesari.in Monday, Feb 25, 2019 - 08:44 AM (IST)
नई दिल्ली: राजनीतिक तौर पर देश के सबसे बड़े राज्य यू.पी. (उत्तर प्रदेश) में 80 लोकसभा सीटें हैं। पी.एम. नरेंद्र मोदी की सीट वाराणसी उनमें से एक है। यू.पी. में अपना दल भाजपा का गणित बिगाड़ सकता है । अपना दल अपना दल की नेता और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। दरअसल वाराणसी सीट पर कुर्मी वोटर भी निर्णायक भूमिका में हैं। वाराणसी की गिनती देश की सबसे वी.वी.आई.पी. सीटों में होती है। यू.पी. के जातीय ब्ल्यू पिंट्र पर नजर डालें तो पूर्वांचल और सैंट्रल यू.पी. की करीब 32 विधानसभा सीटें और 8 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर कुर्मी, पटेल, वर्मा और कटियार मतदाता चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पूर्वांचल के कम से कम 16 जिलों में कहीं 8 तो कहीं 12 फीसदी तक कुर्मी वोटर राजनीतिक समीकरण बदलने की हैसियत रखते हैं।
यह रहा आंकड़ा
आंकड़ों पर नजर डालें तो मौजूदा समय में अनुप्रिया पटेल अपना दल उत्तर प्रदेश में कुर्मी जाति पर खास दबदबा रखती हैं। राज्य की प्रतापगढ़, फूलपुर, प्रयागराज, गोंडा, बाराबंकी, बरेली, खीरी, धौरहरा, बस्ती, बांदा, मिर्जापुर और वाराणसी लोकसभा सीटों पर कुर्मियों का अच्छा-खासा प्रभाव है। पूर्वी और सैंट्रल यू.पी. की इन सीटों पर कुर्मी वोटरों की संख्या 8 से 12 प्रतिशत तक है जो चुनाव नतीजों को मोडऩे के लिए अहम साबित हो सकते हैं।
इन सीटों पर है दबदबा
अपना दल की वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, इलाहाबाद, फूलपुर, चंदौली, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी में खासी पकड़ मानी जाती है। अगर अपना दल अलग राह चुनता है तो भाजपा के सामने चुनौती और बड़ी होगी।2014 में दो सीटों पर अपना दल जीता था: 2014 में अपना दल ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था और दो सीटों-मिर्जापुर और प्रतापगढ़ पर चुनाव लड़ा था। मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल जीती थीं और प्रतापगढ़ से कुंवर हरिवंश सिंह संसद पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि इस बार अपना दल ने 10 सीटों की मांग की थी। इसमें फूलपुर, प्रयागराज समेत कई महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं।
हार्दिक पटेल की एंट्री
वाराणसी सीट खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट है। अगर अपना दल ने भाजपा का साथ नहीं दिया तो विपक्ष यहां पर मोदी को घेरने के लिए सारे दाव लगा देगा। चर्चा यहां तक है कि पाटीदार नेता हाॢदक पटेल प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। खबरें ये भी हैं कि उन्हें अखिलेश से दोस्ती का फायदा मिल सकता है और समाजवादी पार्टी उनको अपने गठबंधन का उम्मीदवार बना सकती है। आपको बता दें कि मोदी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों सीटें जीत ली थीं।