PM मोदी के बाद देश की कमान किसके हाथ? सर्वे में ये मंत्री बने सबसे बड़े दावेदार, जनता ने दिया चौंकाने वाला जवाब!
punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 11:47 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश की बागडोर संभाल चुके हैं और न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उन्हें एक निर्णायक, स्पष्टवादी और करिश्माई नेता के तौर पर देखा जाता है। लेकिन राजनीति में हर दौर के बाद अगला सवाल खड़ा होता है-मोदी के बाद कौन? इसी सवाल का जवाब ढूंढ़ने के लिए हाल ही में एक निजी संस्था UPUK ने एक व्यापक जनमत सर्वेक्षण (Opinion Poll) किया, जिसमें देशभर के लोगों से यह पूछा गया कि यदि नरेंद्र मोदी 2029 के बाद राजनीति से अलग होते हैं या पद छोड़ते हैं, तो अगला प्रधानमंत्री किसे होना चाहिए?
सर्वे के तीन दिग्गज चेहरे-
इस सर्वे में प्रतिभागियों को तीन प्रमुख भाजपा नेताओं के नाम विकल्प के रूप में दिए गए:
योगी आदित्यनाथ – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
अमित शाह – केंद्रीय गृहमंत्री
नितिन गडकरी – केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता
जनता का मूड: योगी आदित्यनाथ सबसे आगे
सर्वे के नतीजे बेहद रोचक रहे। कुल मतदाताओं में से एक जबरदस्त 84% लोगों ने योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार माना। इसका सीधा संकेत यह है कि जनता उन्हें नरेंद्र मोदी के राजनीतिक वारिस के रूप में देख रही है।
अन्य नेताओं को कितना समर्थन मिला?
योगी आदित्यनाथ – 84%
अमित शाह – 10%
नितिन गडकरी – 6%
(संख्या अनुमानित है, आधारित UPUK सर्वे डेटा पर)
योगी का बढ़ता कद – क्यों बना उन्हें जनता का पसंदीदा?
योगी आदित्यनाथ की छवि एक सख्त प्रशासक, हिंदुत्व के मजबूत चेहरे और बिना समझौता किए फैसले लेने वाले नेता के रूप में बनी है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और जटिल राज्य में शासन चलाने के उनके तरीके को न सिर्फ भाजपा समर्थकों, बल्कि तटस्थ मतदाताओं ने भी सराहा है। उनकी लोकप्रियता का ग्राफ लगातार ऊपर गया है, खासकर कानून-व्यवस्था में सुधार, विकास परियोजनाओं की गति, और राजनीतिक स्पष्टता के कारण।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा की अगली पीढ़ी में अगर कोई चेहरा जनता को मोदी के बाद सहज रूप से स्वीकार्य लग सकता है, तो वो योगी आदित्यनाथ हैं। उनके बोलने का तरीका, भाषण शैली और मुद्दों पर पकड़ कहीं न कहीं मोदी शैली की झलक देता है। हालांकि अमित शाह और नितिन गडकरी जैसे नेताओं की प्रशासनिक क्षमता पर कोई सवाल नहीं, लेकिन जनता से सीधा जुड़ाव और जनभावनाओं को प्रभावित करने की क्षमता योगी को एक कदम आगे ले जाती है।