UPI New Rules: 15 सितंबर से लागू होंगे यूपीआई के नए नियम, 10 लाख रुपये तक ट्रांजैक्शन होगा आसान, जानिए सब कुछ
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 05:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क: डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और यूजर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI ट्रांजैक्शन से जुड़े बड़े बदलावों का ऐलान किया है। ये नए नियम 15 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएंगे। इस बदलाव के तहत अब UPI से एक दिन में 10 लाख रुपये तक का ट्रांजैक्शन संभव होगा, लेकिन यह सुविधा कुछ विशेष सेक्टरों और Person-to-Merchant (P2M) पेमेंट्स तक ही सीमित रहेगी।
क्या है UPI के नए नियम?
अब तक UPI के जरिए किए जाने वाले ट्रांजैक्शन की एक तय सीमा थी, जिससे यूजर्स को बड़े भुगतानों के लिए पेमेंट को कई हिस्सों में करना पड़ता था। लेकिन अब नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डिजिटल ट्रांजैक्शन की बढ़ती जरूरत और व्यवहारिक मांगों को देखते हुए UPI ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव किया है। यह नया नियम विशेष रूप से व्यापारिक भुगतानों यानी Person-to-Merchant (P2M) लेन-देन पर लागू होगा। इसके तहत अब P2M पेमेंट्स के लिए UPI की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रतिदिन कर दी गई है। हालांकि, आम व्यक्ति से व्यक्ति (Person-to-Person या P2P) पेमेंट की सीमा पहले की तरह 1 लाख रुपये प्रतिदिन ही बनी रहेगी।
किन सेक्टरों में मिलेगी ज्यादा लिमिट?
NPCI के अनुसार अब कुछ चुनिंदा सेक्टर्स में UPI ट्रांजैक्शन की लिमिट को विशेष रूप से बढ़ा दिया गया है, जिससे यूजर्स को उच्च-मूल्य के भुगतानों में अधिक सुविधा मिल सकेगी। कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस सेक्टर में पहले जहां प्रति ट्रांजैक्शन सीमा 2 लाख रुपये थी, अब इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है और प्रतिदिन 10 लाख रुपये तक ट्रांजैक्शन की अनुमति होगी। सरकारी ई-मार्केटप्लेस और टैक्स पेमेंट्स के लिए भी अब 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन की नई सीमा तय की गई है, जो पहले सिर्फ 1 लाख रुपये थी। ट्रैवल सेक्टर में अब प्रति ट्रांजैक्शन 5 लाख और प्रतिदिन 10 लाख रुपये तक भुगतान किया जा सकेगा। इसी तरह क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट के लिए अब एक बार में 5 लाख रुपये और रोजाना अधिकतम 6 लाख रुपये की अनुमति होगी। लोन EMI और कलेक्शन से जुड़े भुगतानों के लिए प्रति ट्रांजैक्शन 5 लाख और प्रतिदिन 10 लाख रुपये की सीमा तय की गई है। ज्वेलरी की खरीदारी के लिए अब 2 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और 6 लाख रुपये प्रतिदिन की लिमिट होगी। इसके अलावा, बैंकिंग सेवाओं जैसे FD या टर्म डिपॉजिट के लिए ट्रांजैक्शन सीमा को पहले के 2 लाख से बढ़ाकर अब 5 लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं फॉरेन एक्सचेंज पेमेंट (BBPS) के तहत अब प्रति ट्रांजैक्शन 5 लाख रुपये तक का भुगतान संभव होगा। ये बदलाव न सिर्फ डिजिटल लेन-देन को सरल और प्रभावी बनाएंगे बल्कि विभिन्न सेक्टर्स में भुगतान प्रक्रिया को तेज और भरोसेमंद भी बनाएंगे।
नए नियमों से क्या होंगे फायदे?
UPI की नई लिमिट लागू होने के बाद यूजर्स को ट्रांजैक्शन में पहले से कहीं अधिक सुविधा मिलेगी। अब बड़े पेमेंट्स को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटने की जरूरत नहीं होगी, जिससे समय और प्रयास दोनों की बचत होगी। इंश्योरेंस प्रीमियम, लोन की EMI और इन्वेस्टमेंट जैसी ज़रूरी भुगतान अब सीधे और एक बार में UPI के जरिए आसानी से किए जा सकेंगे। इसके अलावा नए नियमों से डिजिटल पेमेंट की प्रक्रिया और भी ज्यादा स्मूद और रियल-टाइम हो जाएगी, जिससे ट्रांजैक्शन में रुकावटें कम होंगी। व्यापारियों के लिए भी यह बदलाव बेहद फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि अब उन्हें हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन के लिए अलग से पेमेंट गेटवे की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे न केवल उनके लेनदेन की प्रक्रिया आसान होगी बल्कि ग्राहकों को बेहतर और तेज सेवा भी मिल सकेगी।
क्यों जरूरी था ये बदलाव?
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने और कैशलेस इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है। आज के दौर में निवेश, बीमा, ई-कॉमर्स और यात्रा जैसे कई क्षेत्रों में बड़ी रकम का डिजिटल लेनदेन आम बात हो चुकी है। ऐसे में UPI की लिमिट बढ़ाना समय की मांग थी।