बाल विवाह रोकने की अनोखी पहल !

punjabkesari.in Wednesday, Apr 05, 2017 - 02:41 PM (IST)

तेलंगाना: बाल विवाह गैर-कानूनी होने के बावजूद आज भी भारत में पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इस सामाजिक कुप्रथा को खत्म करने के लिए प्रशासन ने तेलंगाना के पंडितों, विवाह का निमंत्रण पत्र छापने वालों, शादी में सजावटवालों और टेंटवालों के साथ मिलकर अनोखी पहल की है। अब ये सभी लोग शादी से पहले वर-वधू का जन्म प्रमाण पत्र लेंगे और उनके अभिभावकों को भी लिखित में देना होगा कि उनके बच्चे बालिग हैं। 

भारत में लड़की के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 18 साल और लड़के के लिए 21 साल है। प्रशासन ने पंडितों से कहा गया है कि वो विवाह से पहले वर-वधू का जन्म प्रमाणपत्र जरूर देखें। बाल विवाह रुकवाने के लिए अधिकारी गांव-गांव घूम कर ऐसे विवाह के बारे में पता कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार खुद सरकार के आंकड़े के हिसाब से 2015-16 में तेलंगाना में हुई शादियों में करीब 30 प्रतिशत वर-वधू नाबालिग थे। गर्मी को राज्य में शादियों का सीजन माना जाता है इसलिए अधिकारी अभी से इस बाबत जागरूकता फैलाने में लग गए हैं। 
 


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