PNB घोटाला, उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

punjabkesari.in Thursday, Feb 22, 2018 - 08:03 PM (IST)

मुंबई: केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना लगातार सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल कर रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 11 हजार 400 करोड़ रुपए के कथित पीएनबी घोटाले के लिए नरेंद्र मोदी सरकार पर गुरुवार को निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि नोटबंदी के बावजूद ऐसा कैसे हुआ। ठाकरे ने कहा कि पीएनबी घोटाला ने राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से जुड़े विवाद को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

ठाकरे ने कहा, ‘कैसे हजारों करोड़ रुपए के कर्ज दिए गए। एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं। इस मुद्दे की वजह से राफेल घोटाले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।’ वह शिवसेना की विधान पार्षद नीलम गोरहे की पुस्तक का विमोचन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने पार्टी में 20 साल पूरे किए हैं।

भ्रष्टाचार कर विदेश भाग जाते हैं बड़े लोग
उद्धव ने कहा, ‘कैसे पिछले दो तीन वर्षों में कुछ लोगों के लिए हजारों करोड़ रुपए बेईमानी से निकालना संभव था जबकि नोटबंदी के दौरान आम लोग जब बैंकों से अपना धन निकालना चाहते थे तो उनसे कई सवाल पूछे जाते थे।’ उन्होंने कहा, ‘बड़े लोग भ्रष्टाचार करते हैं और देश छोड़कर चले जाते हैं। हालांकि, गरीब किसान जिन्होंने छोटा कर्ज लिया है, लेकिन वे उसे चुका पाने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अपनी जान देने पर मजबूर होना पड़ता है।’

देश में बैंकों के प्रति संदेह का वातावरण
उन्होंने कहा कि देश में आज बैंकों के प्रति संदेह का वातावरण है क्योंकि लोगों ने बैंकिंग क्षेत्र को सुरक्षित मानकर अपने जीवन की कमाई का निवेश किया था। उन्होंने कहा कि हालांकि, जब बैंक किसी वजह से दिवालिया होता है तो सरकार सिर्फ एक लाख रुपए बचाने की जिम्मेदारी लेती है। ठाकरे ने कहा, ‘मैंने शिवसेना सांसदों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर एक ज्ञापन सौंपने को कहा है ताकि इस बात पर जोर दिया जा सके कि सरकार (बैंकों में जमा लोगों के धन) की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी ले।’

राज्य में केवल भूमिपूजन हो रहा
उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार हमारी गर्दन मरोड़कर कर वसूल कर सकती है तो हमारे धन की रक्षा क्यों नहीं कर सकती है।’ हाल में राज्य सरकार द्वारा आयोजित ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ व्यापार सम्मेलन में उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछे गए सवाल पर ठाकरे ने कहा, ‘कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने के बावजूद वास्तव में कोई काम नहीं हुआ है और सिर्फ भूमिपूजन हो रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ परियोजनाओं के वास्तविक उद्घघाटन के लिए जाऊंगा। कई बार केंद्र और राज्य की नीतियां बदलती हैं और परियोजनाएं नहीं शुरू हो पाती हैं। यह देखना बाकी है कि कितनी परियोजनाएं वास्तव में फलीभूत होती हैं। इस बात को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाना चाहिए कि निवेश के जरिए हासिल धन को कोई उड़ा नहीं ले जाए, जैसा (नीरव) मोदी ने किया।’


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