शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उद्धव गुट, स्पीकर के फैसले में देरी को लेकर उठाए सवाल

punjabkesari.in Tuesday, Jul 04, 2023 - 08:23 PM (IST)

नई दिल्लीः शिवसेना (यूबीटी) ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर तय समय-सीमा में शीघ्र फैसला करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। इन विधायकों ने जून 2022 में नयी सरकार बनाने के लिए भाजपा का साथ दिया था।

अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में 2022 में शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर करने वाले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक सुनील प्रभु की याचिका में आरोप लगाया गया कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर शीर्ष अदालत के 11 मई के आदेश के बावजूद जानबूझकर फैसले में देरी कर रहे हैं।

वकील निशांत पाटिल और अमित आनंद तिवारी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्यों के खिलाफ याचिकाकर्ता द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं के फैसले में जानबूझकर देरी करने के प्रतिवादी अध्यक्ष के आचरण के संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत यह अदालत असाधारण क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य है।''

याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले में स्पष्ट निर्देश के बावजूद कि लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर उचित अवधि के भीतर फैसला किया जाना चाहिए, विधानसभा अध्यक्ष ने एक बार भी सुनवाई नहीं की। याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता ने अयोग्यता मामलों में सुनवाई के लिए 15 मई, 23 मई, और 2 जून, 2023 को तीन से अधिक आवेदन भी भेजे हैं। हालांकि, प्रतिवादी अध्यक्ष ने तटस्थ मध्यस्थ के रूप में अपने संवैधानिक कर्तव्यों की अवहेलना की है।

इससे एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में अवैध रूप से बने रहने की अनुमति मिल गई है, जिनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं लंबित हैं।'' अपनी याचिका में प्रभु ने कहा कि यह एक स्थापित कानून है कि विधानसभा अध्यक्ष 10वीं अनुसूची, जो दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है, के तहत अपने दायित्व के निर्वहन के समय एक न्यायाधिकरण के रूप में कार्य करता है और उसे निष्पक्ष और निष्पक्ष तरीके से कार्य करना आवश्यक है।

प्रभु ने अपनी याचिका में कहा, ‘‘इसलिए, इस अदालत के लिए यह जरूरी है कि वह महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष को विधानसभा के संबंधित सदस्यों के खिलाफ याचिकाकर्ता द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्रता से, समयबद्ध तरीके से फैसला करने का निर्देश दे।''

शीर्ष अदालत ने 11 मई को फैसला सुनाया था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे क्योंकि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार को बहाल नहीं कर सकती क्योंकि शिवसेना नेता ने अपनी पार्टी में बगावत के बाद बहुमत परीक्षण का सामना किए बिना इस्तीफा देने का फैसला किया था।

शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार करते हुए प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि अदालत आमतौर पर दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला नहीं कर सकती है और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को लंबित मामले पर उचित अवधि के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।


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Content Writer

Yaspal

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