दो दिन में दो दिग्गजों का कार्डिएक अरेस्ट से हुआ निधन, जानें दिल की धड़कन रुकने से पहले शरीर में क्या बदलाव आते हैं

punjabkesari.in Friday, Nov 07, 2025 - 05:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क : हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को हाल ही में दो दुखद घटनाओं का सामना करना पड़ा है। सत्तर और अस्सी के दशक की मशहूर गायिका सुलक्षणा पंडित का 71 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। इसके ठीक अगले दिन ही फिल्म निर्माता संजय खान की पत्नी जरीन कतरक भी इसी बीमारी के कारण दुनिया छोड़ गईं। दो दिन के भीतर इस जानलेवा दिल की समस्या ने दो दिग्गज कलाकारों की जान ले ली।

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक अक्सर एक-दूसरे से भ्रमित हो जाते हैं। अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट एक इलेक्ट्रिकल समस्या है, जिसके कारण दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है। वहीं, हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की मांसपेशियों तक ब्लड का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। सरल शब्दों में कहें तो कार्डियक अरेस्ट दिल की इलेक्ट्रिकल समस्या, जबकि हार्ट अटैक ब्लड सर्कुलेशन की समस्या है।

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कार्डियक अरेस्ट क्या है

कार्डियक अरेस्ट में दिल खून पंप करना बंद कर देता है, जिससे व्यक्ति तुरंत बेहोश हो जाता है। यह स्थिति कुछ ही मिनटों में जानलेवा हो सकती है। आसपास के लोगों को तुरंत मदद करनी चाहिए और सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) शुरू करनी चाहिए। सीपीआर और डिफिब्रिलेशन (इलेक्ट्रिक शॉक) मरीज की जान बचा सकते हैं।

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कार्डियक अरेस्ट के कारण

  • हृदय की विद्युत प्रणाली में समस्या
  • दिल की धड़कनों को नियंत्रित करने वाली प्रणाली में गड़बड़ी

कार्डियाक अरेस्ट पड़ने से पहले शरीर में क्या बदलाव आते हैं (Cardiac Arrest Symptoms) 

1. अचानक गिर जाना: सबसे आम लक्षण है व्यक्ति का अचानक बिना किसी चेतावनी के गिर जाना और प्रतिक्रिया करना बंद कर देना। 

2. बेहोशी होना: व्यक्ति तुरंत बेहोश हो जाता है। 

3. नब्ज या सांस का रुकना: दिल के रक्त पंप करना बंद कर देने के कारण नब्ज महसूस नहीं होती और सांस रुक सकती है।

4. सीने में दबाव या बेचैनी होना: कुछ मामलों में कार्डियक अरेस्ट से पहले सीने में दबाव, जकड़न या भारीपन महसूस हो सकता है, जो बाद में बढ़ता भी है। 

5. सांस का फूलना: अचानक सांस लेने में तकलीफ होना या घुटन महसूस होना। 

6. थकान या कमजोरी होना: अत्यधिक थकान, कमजोरी या चक्कर आना। 

7. दिल की धड़कन में बदलाव: दिल की धड़कन अचानक बहुत तेज, फड़फड़ाती हुई या अनियमित हो सकती है। 

मरीज की जान कैसे बचा सकते हैं?

कार्डियक अरेस्ट एक इमरजेंसी स्थिति है। मरीज की जान बचाने के लिए:

सीपीआर दें – फेफड़ों और दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।

डिफिब्रिलेटर का इस्तेमाल करें – इलेक्ट्रिक शॉक दिल की धड़कन को सामान्य करता है।


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Content Editor

Mehak

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