पहलगाम, ट्रंप के दावे, चीन पर कम से कम दो दिन हो चर्चा, इस पर नहीं हो सकता समझौता: रमेश
punjabkesari.in Friday, Jul 18, 2025 - 05:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि 21 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के हमलावरों के अब तक न्याय के जद से बाहर रहने, ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर कुछ अधिकारियों के खुलासे, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे और चीन के विषय पर कम से कम दो दिनों की चर्चा होनी चाहिए तथा इस मांग को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता। रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि विपक्ष यह मांग भी करेगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में आकर इन विषयों पर जवाब दें। उनका कहना था कि संसद में गतिरोध टालना और कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष नहीं, सरकार की है। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से आरंभ हो रहा है और 21 अगस्त कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं।
रमेश ने कहा, ‘‘हमारी दो मुख्य मांगें है। यह सिर्फ कांग्रेस की मांग नहीं है, बल्कि इंडिया ‘जनबंधन' इससे सहमत है। जिन मुद्दों को उठाने की बात हम कर रहे हैं, उनसे पीछे नहीं हटा जा सकता और कोई समझौता नहीं हो सकता।'' उन्होंने कहा, ‘‘पहलगाम आतंकी हमले के हमलावर आज भी न्याय के कटघरे में नहीं लाए गए हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में तीन वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने कुछ खुलासे किए हैं। इसमें क्या हकीकत है, सरकार इस पर क्या कहना चाहती है, उसका रवैया क्या है? चीन का मुद्दा भी है, ट्रंप के दावे से जुड़ा विषय भी है।'' उन्होंने यह भी कहा कि करगिल युद्ध के बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने करगिल समीक्षा समिति का गठन किया था, जिस पर संसद में चर्चा हुई थी।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘क्या पहलगाम और ‘ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में ऐसा ही विश्लेषण किया जाएगा?'' रमेश के अनुसार, देश की विदेश नीति और सुरक्षा के मुद्दे के अलावा दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा बिहार में जारी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विषय भी है, जो एक तरह से लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में ‘वोटबंदी' के माध्यम से लाखों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी, अब बिहार में वोटबंदी की जा रही है।'' उन्होंने दावा किया कि ‘सर' (एसआईआर) के इशारे पर निर्वाचन आयोग लोकतंत्र पर तोप चला रहा है। रमेश ने कहा, ‘‘आयोग के कंधे पर तोप रखकर चलायी जा रही है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। इस विषय पर सभी दल चिंतित हैं। कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, ‘‘एसआईआर का मकसद लोगों के मताधिकार छीनना है। यह हम नहीं कह रहे हैं। यह पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है...यह षड्यंत्र है। यह जानबूझकर किया जा रहा है। यह हमारे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की सुनियोजित रणनीति है।''
रमेश ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किए जाने का मुद्दा भी उठेगा। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि किसी पूर्ण राज्य को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया जाए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को खत लिखा है और मांग की है कि इसी सत्र में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए विधेयक लाया जाए।
कांग्रेस इसका समर्थन करेगी।'' रमेश ने शनिवार शाम होने वाली ‘इंडिया' गठबंधन की ऑनलाइन बैठक का हवाला देते हुए कहा कि यह गठबंधन एकजुट है। उन्होंने कहा कि बैठक में राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता शामिल होंगे और आने वाले दिनों में दिल्ली में वे भी मिलेंगे। विपक्षी गठबंधन की एकजुटता पर भाजपा द्वारा सवाल किए जाने को लेकर रमेश ने कहा, ‘‘नड्डा साहब के बाद अब तक भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त क्यों नहीं हुआ है। हर विषय पर प्रवचन देने वाले भाजपा के एक सांसद ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व नहीं हो तो भाजपा को 150 सीटें नहीं मिलेंगी। भाजपा में क्या हो रहा है? भाजपा और आरएसएस के बीच क्या हो रहा है? उस पर भाजपा के लोगों को चिंतित होने की जरूरत है।'' उन्होंने आगे यह भी कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस में क्या तनाव है? ‘नंबर एक' और ‘नवंबर दो' में क्या तनाव है, ‘नंबर दो' और ‘नंबर तीन' में क्या तनाव है? इस पर आप (भाजपा) चिंता करिये..इंडिया ‘जनबंधन' एकजुट है।''