ट्रांसजेंडर ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु, पत्र लिख बताया दर्द

punjabkesari.in Wednesday, Feb 14, 2018 - 07:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एक ट्रांसजेंडर अपने साथ हो रहे भेदभाव से इस कदर टूट गई कि उसने अब अपनी जिंदगी को खत्म करने का मन बला लिया है। इसके लिए उसने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है। दरअसल तमिलनाडु निवासी शानवी का आरोप है कि ट्रांसवुमन होने के कारण एयर इंडिया ने उसे केबिन क्रू मेंबर की नौकरी देने से इनकार कर दिया। उसे अपमान का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण वह इच्छा मृत्यु चाहती हैं।
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शानवी ने साल 2010 में इंजीनियरिंग की डिग्री पाने के बाद कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव के तौर पर एयर इंडिया ज्वॉइन किया। उसके एक साल बाद उसने सर्जरी करवाई और तमिलनाडु के राजपत्र में अपना नाम और जेंडर बदलवा दिया। सर्जरी के बाद उसने एयर इंडिया में केबिन क्रू के लिए आवेदन दिया। पद के लिए योग्य होने के बाद भी उसका आवेदन खारिज कर दिया गया। इसका कारण था कि वह एक महिला ट्रांसजेंडर थी। इसके विरोध में उसने सुप्रीम कोर्ट में कंपनी को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एयर इंडिया और नागर विमानन मंत्रालय से चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।
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राष्ट्रपति को भेजे पत्र में शान्वी ने लिखा कि न तो एयर इंडिया और न ही मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को अब तक कोई जवाब दिया है। उसके मुताबिक नौकरी न होने के कारण वह अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है इसलिए उसे इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए। शान्वी ने ट्रांस राइट नाऊ कलेक्टिव नाम के फेसबुक पेज पर भी यह पत्र अपलोड किया है। बता दें कि साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने औपचारिक तौर पर ट्रांसजेंडर्स को थर्ड जेंडर के तौर पर मान्यता दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किन्नरों या तीसरे लिंग की पहचान के लिए कोई कानून न होने की वजह से उनके साथ शिक्षा या जॉब के क्षेत्र में भेदभाव नहीं किया जा सकता और उन्हें ओबीसी की तर्ज पर शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण मिलना चाहिए।


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