एक PNR पर 6 में से सिर्फ 3 टिकट हुई कन्फर्म, बाकी लोग क्या कर सकते हैं यात्रा, जानें क्या है रेलवे का नियम?

punjabkesari.in Monday, Sep 08, 2025 - 09:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत में हर दिन लाखों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं, जो किफायती और भरोसेमंद यात्री परिवहन का साधन है। चाहे शादी, पर्यटन, या काम के लिए सफर हो, ट्रेनें देशवासियों की पहली पसंद हैं। लेकिन, भारी भीड़ के कारण कई बार टिकट बुकिंग में दिक्कत होती है। खासकर जब आप परिवार या दोस्तों के साथ 4-6 लोगों के लिए टिकट बुक करते हैं, तो अक्सर सभी टिकट कन्फर्म नहीं होते। उदाहरण के तौर पर, अगर आपने 6 लोगों के टिकट बुक किए और केवल 3 कन्फर्म हुए, जबकि बाकी 3 वेटिंग लिस्ट में रह गए, तो सवाल उठता है: क्या वेटिंग लिस्ट वाले यात्री ट्रेन में चढ़ सकते हैं? क्या टीटीई उन्हें उतार देगा? या जुर्माना लगेगा? आइए, भारतीय रेलवे के नियमों को समझते हैं और जानते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।

रेलवे के नियम क्या कहते हैं?
जब आप एक ही बुकिंग में कई लोगों के लिए टिकट बुक करते हैं, तो एक PNR (Passenger Name Record) नंबर जनरेट होता है। यह नंबर टिकट से जुड़ी सारी जानकारी, जैसे यात्री का नाम, ट्रेन, सीट नंबर, स्टेशन आदि को रिकॉर्ड करता है। एक PNR पर अधिकतम 6 यात्रियों के टिकट बुक किए जा सकते हैं। इसमें कुछ टिकट कन्फर्म हो सकते हैं, जबकि कुछ वेटिंग लिस्ट या RAC (Reservation Against Cancellation) में रह सकते हैं।

पहले के नियमों के अनुसार, अगर एक PNR पर कुछ टिकट कन्फर्म और कुछ वेटिंग लिस्ट में होते थे, तो सभी यात्री ट्रेन में चढ़ सकते थे। वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को भले ही सीट न मिले, लेकिन उन्हें यात्रा की अनुमति थी, और टीटीई उन्हें ट्रेन से नहीं उतारता था। लेकिन अब नियम सख्त हो गए हैं।

6 में से 3 टिकट कन्फर्म: कैसे करें यात्रा?

कन्फर्म टिकट वाले यात्री: जिन 3 यात्रियों के टिकट कन्फर्म हो गए हैं, वे बिना किसी परेशानी के अपनी बर्थ पर यात्रा कर सकते हैं। RAC टिकट वाले यात्री: अगर आपका वेटिंग टिकट चार्ट बनने के बाद RAC में बदल जाता है, तो आप ट्रेन में चढ़ सकते हैं। लेकिन, आपको अपनी बर्थ किसी अन्य यात्री के साथ शेयर करनी होगी, यानी एक बर्थ पर दो लोग यात्रा करेंगे।

वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्री: अगर आपका टिकट चार्ट बनने के बाद भी वेटिंग लिस्ट में है, तो आप स्लीपर या AC कोच में यात्रा नहीं कर सकते। ऐसे में आपको स्टेशन से जनरल टिकट खरीदना होगा या UTS (Unreserved Ticketing System) ऐप से अनरिजर्व्ड टिकट बुक करना होगा। बिना वैध टिकट या वेटिंग टिकट के स्लीपर/AC कोच में चढ़ने पर टीटीई आपको जुर्माना लगा सकता है या ट्रेन से उतार सकता है।

IRCTC वेटिंग टिकट का क्या करता है?
अगर आपने ऑनलाइन टिकट बुक किया और वह चार्ट बनने के बाद भी वेटिंग लिस्ट में रहता है, तो IRCTC स्वतः टिकट रद्द कर देता है और आपका पैसा रिफंड कर दिया जाता है। आपको खुद टिकट कैंसिल करने की जरूरत नहीं है। रिफंड आमतौर पर 3-7 कार्यदिवसों में आपके खाते में वापस आ जाता है।

टीटीई की भूमिका
यदि ट्रेन में किसी यात्री की यात्रा रद्द हो जाती है और सीट खाली हो जाती है, तो टीटीई (Travelling Ticket Examiner) उस सीट को वेटिंग लिस्ट या RAC वाले यात्रियों को आवंटित कर सकता है। प्राथमिकता RAC यात्रियों को दी जाती है, और फिर वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को। हालांकि, यह टीटीई के विवेक और उपलब्ध सीटों पर निर्भर करता है। अगर कोई सीट उपलब्ध नहीं है, तो वेटिंग टिकट वाले यात्री को जनरल कोच में यात्रा करनी होगी।

यात्रियों के लिए सुझाव

टिकट की स्थिति जांचें: चार्ट बनने से पहले IRCTC वेबसाइट या ऐप पर अपने PNR की स्थिति जांचें। चार्ट आमतौर पर ट्रेन के प्रस्थान से 4 घंटे पहले तैयार होता है।

जनरल टिकट का विकल्प: अगर आपका टिकट कन्फर्म नहीं हुआ है, तो जनरल कोच में यात्रा के लिए स्टेशन से टिकट खरीदें या UTS ऐप का उपयोग करें।

वेटिंग टिकट के साथ जोखिम न लें: बिना कन्फर्म या RAC टिकट के स्लीपर/AC कोच में चढ़ने से बचें, क्योंकि इससे जुर्माना (250 रुपये से अधिक) या अन्य कार्रवाई हो सकती है।

तत्काल या प्रीमियम तत्काल: अगर टिकट कन्फर्म नहीं हो रहा है, तो तत्काल या प्रीमियम तत्काल कोटा में बुकिंग का प्रयास करें।

रेलवे की सलाह
भारतीय रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे वैध टिकट के बिना स्लीपर या AC कोच में यात्रा न करें। साथ ही, भीड़ के मौसम में पहले से बुकिंग कराएं और PNR स्टेटस की नियमित जांच करें। इससे न केवल आपकी यात्रा सुगम होगी, बल्कि अनावश्यक परेशानियों से भी बचा जा सकता है।


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Content Editor

Shubham Anand

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