मणिपुर में कुकी उग्रवादियों ने 3 साल की मासूम को भी नहीं बख्शा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ यह खुलासा
punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2024 - 12:37 PM (IST)
नेशनल डेस्क। मणिपुर के जिरिबाम में कुकी उग्रवादियों ने 3 साल के बच्चे को भी नहीं बख्शा।पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि मासूम को ऐसी मौत दी गई जो आदमी अपने दुश्मनों को भी नहीं देता है। 3 साल के मासूम के साथ उसकी मां और दादी का शव बीते दिनों असम सीमा पर बराक नदी के किनारे पाया गया था जिसमें से तीन पहले पाए गए थे इसलिए उनकी ऑटोप्सी रिपोर्ट मिली है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार मासूम के सिर और चेहरे पर गोली मारी गई थी और उसके सिर पर लोहे की रॉड से वार किया गया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चे की मां की हत्या दो दिन पहले की गई थी जबकि बच्चे की आठ साल की बहन, आठ महीने के नवजात और मौसी की ऑटोप्सी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चे की मां के सीने और पीठ पर गोलियों के निशान थे जबकि दादी के सीने, खोपड़ी, पेट और बाहों पर गोलियों के निशान थे।
वहीं जिरिबाम जिले में बराक नदी के किनारे पाए गए शवों को 17 नवंबर को एसएमसीएच शवगृह भेजा गया। बच्चे ने टीशर्ट और बनियान पहन रखा था और उसकी दाहिनी आंख भी गायब थी। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के दाहिने हाथ पर गोली का निशान था और उसके लिवर, किडनी और अन्य अंगों में सड़ने लगे थे।
बता दें कि 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों ने परिवार के छह सदस्यों को जिरिबाम के शिविर से अगवा कर लिया था साथ ही दो दिन बाद बच्चे की मां, एल हेतोंबी, के शव को भी अस्पताल लाया गया। ऑटोप्सी रिपोर्ट में पता चला कि महिला की मौत करीब 7 दिन पहले हुई थी और बच्चे की दादी के सिर, पेट और चेस्ट पर गोलियों के निशान थे। उग्रवादियों ने दो लोगों को भी मार डालाफिर सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दस उग्रवादियों को मार डाला।
हमले के आरोप में 7 गिरफ्तार
वहीं मणिपुर सरकार ने कहा कि कुकी उग्रवादियों ने छह मैतेई लोगों को 11 नवंबर को जिरिबाम के बोरोबेकरा इलाके में राहत शिविरों से अगवा कर लिया था। उनके शवों को असम के कछार में बराक नदी में और जिरिबाम में जिरी नदी में पाया गया, जिसके बाद राज्य भर में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।