धरती पर आज 24 घंटे से कम का होगा दिन! इस अनोखी घटना की गवाह बनेगी दुनिया, जानिए क्या होगा असर

punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 01:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: वैज्ञानिकों का कहना है कि आज बुधवार 9 जुलाई पृथ्वी के इतिहास का सबसे छोटा दिन हो सकता है। इस अनोखी घटना के पीछे पृथ्वी का अपनी धुरी पर पहले से ज्यादा तेजी से घूमना बताया जा रहा है।

क्यों हो रहा है ऐसा?

वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी की घूमने की रफ्तार में यह बदलाव कई कारकों की वजह से हो रहा है। इनमें पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का कमजोर होना, चंद्रमा की स्थिति, पिघलते ग्लेशियर और पृथ्वी के अंदरूनी हिस्से में होने वाली गतिविधियाँ शामिल हैं।

PunjabKesari

लिवरपूल विश्वविद्यालय के भूभौतिकीविद रिचर्ड होल्मे ने बताया कि 2020 और 2022 में परमाणु घड़ियों के विश्लेषण से पता चला है कि धरती के घूमने की रफ्तार बढ़ी है। ये परमाणु घड़ियां समय मापने के लिए परमाणुओं के कंपन का इस्तेमाल करती हैं। पिछले साल 5 जुलाई को भी 24 घंटे से कम का दिन रिकॉर्ड किया गया था।

ये भी पढ़ें- सिगरेट से दागा, जबरन संबंध बनाए और फिर रे\प कर... लूलू मॉल के मैनेजर पर महिला सहकर्मी ने लगाए आरोप

क्या आम जीवन पर पड़ेगा असर?

वैज्ञानिकों का कहना है कि दिन के समय में यह बदलाव मिलीसेकंड का होगा, जिसे आम इंसान के लिए महसूस करना मुश्किल है। इसलिए इससे रोजमर्रा के जीवन में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह छोटा सा बदलाव भी सैटेलाइट सिस्टम, जीपीएस और समय ट्रैक करने के तरीकों पर असर डाल सकता है।

ये भी पढ़ें- किस्मत चमकी! कुछ ही घंटों में बना लखपति बना मजदूर, जानें पूरी कहानी

पृथ्वी का अस्थिर घूर्णन

एक सौर दिन को ठीक 86,400 सेकंड यानी 24 घंटे का होना चाहिए, लेकिन पृथ्वी का घूर्णन हमेशा से अस्थिर रहा है। खासकर 2020 के बाद से हमारा ग्रह तेजी से घूम रहा है, जिससे दिन का समय 24 घंटे से कम हो रहा है। आमतौर पर, धरती के घूमने में बदलाव की वजह भूकंप और महासागर की धाराएं होती हैं। वैज्ञानिकों ने आज के अलावा 22 जुलाई और 5 अगस्त को भी सामान्य से 1.3-1.51 मिलीसेकंड छोटे दिन होने की संभावना जताई है, क्योंकि इन दिनों चंद्रमा पृथ्वी के भूमध्य रेखा से सबसे दूर होगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Radhika

Related News