आज राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर होगी चर्चा, 6 घंटे का दिया गया वक्त

punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2019 - 05:07 AM (IST)

नेशनल डेस्कः नागरिकता संशोधन विधेयक के सोमवार को लोकसभा में पास होने के बाद अब कल इस पर राज्यसभा में चर्चा होगी। उच्च सदन में इस अहम बिल पर चर्चा के लिए 6 घंटे तक का समय दिया गया है। बुधवार 2 बजे से शुरू होगी।
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इससे पहले आध्‍यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने भारत सरकार से मांग की है कि भारत में रह रहे करीब 1 लाख तमिल श्रीलंकाईयों को भारतीय नागरिकता दी जाए। आध्‍यात्मिक गुरु ने ट्वीट कर कहा, 'मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह 1 लाख से अधिक तमिल श्रीलंकाई नागरिकों को नागरिकता देने पर विचार करें, जो इस देश में पिछले 35 वर्षों से शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं'। वहीं, इस बिल का कुछ राजनीतिक दलों और लोगों द्वारा विरोध किए जाने के बीच अन्‍नाद्रमुक ने इस बिल का समर्थन करने का ऐलान किया है। AIADMK ने इस बिल के लोकसभा में पारित होने के बाद इसे कल उच्‍च सदन यानि राज्यसभा में लाए जाने पर समर्थन देने की घोषणा की है।
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दरअसल, यह बिल सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। पूर्वोत्‍तर में इस बिल के खिलाफ पहले से ही विरोध रहा है। सरकार ने बिल में नार्थ-ईस्‍ट के राज्‍यों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास भी किया लेकिन इसके बावजूद असम में आज इस बिल के विरोध में कई छात्र संगठनों ने राज्‍यव्‍यापी बंद का ऐलान किया है। नॉर्थ-ईस्‍ट स्टूडेंट्स यूनियन (NESO) और आल इंडिया स्‍टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने आज असम में 11 घंटे के बंद के ऐलान की घोषणा की है। इसके चलते गुवाहाटी में आज सुबह सड़कों पर सन्‍नाटा देखा गया और दुकानें बंद देखी गईं। असम में कई जगह प्रदर्शनकारियों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया। डिब्रूगढ़ और जोरहट में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए।
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केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में पेश किया, जो करीब 8 घंटे की बहस के बाद रात 12 बजे हो गया। इस बिल को पास कराने में सरकार को कोई मुश्किल नहीं हुई, लेकिन इस पर सरकार को कोई मुश्किल नहीं हुई। लेकिन इस पर काफी लंबी बहस चली। सोमवार रात करीब 11 बजे गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी नेताओं की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब दिया। इसके बाद रात 11:35 बजे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा गृह मंत्री की ओर से सारे बिदुओं को स्पष्ट किया जा चुका है, इसके बाद नहीं लगात कि किसी को कोई कन्फ्यूजन रह गया होगा। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने बिल पर वोटिंग कराई।
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राज्यसभा में किसका पलड़ा भारी
राज्यसभा में 245 सीटें हैं। हालांकि, मौजूदा स्ट्रेंथ 240 सांसदों का ही है क्योंकि पांच सीटें (असम से दो जबकि बिहार, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा से एक-एक सीट) खाली हैं। इसलिए इस सदन में बहुमत का आंकड़ा 121 का होता है। स्पष्ट है कि 137 सांसदों के समर्थन से सत्ताधारी गठबंधन नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 को राज्यसभा से भी पास करवाने में सफल हो सकता है। एनडीए के 106 सांसदों के साथ बिल के समर्थन में आनेवाले अन्य 28 सांसदों और 3 नामित सांसदों को जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा 137 तक पहुंच जाता है। दूसरी तरफ यूपीए के 62 और विरोध में वोटिंग करने वाली नौ पार्टियों के 44 सांसदों को मिलाकर 106 का आंकड़ा आता है। इसमें एक नामित सदस्य का वोट जोड़ने पर यह आंकड़ा 107 तक पहुंचता है।


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Yaspal

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