सच हुई नास्त्रेदमस की 2025 बारे भविष्यवाणी, तिब्बत में विनाशकारी भूकंप के बाद अब इन भयंकर घटनाओं की बारी !
punjabkesari.in Tuesday, Jan 07, 2025 - 02:36 PM (IST)
International Desk: 7 जनवरी 2025 को मंगलवार सुबह एशिया के कई देशों में भूकंप के झटकों ने भारी तबाही मचाई। तिब्बत, चीन, नेपाल, और भारत में आए इस भूकंप ने कई इमारतों को ढहा दिया और बड़ी संख्या में लोग मारे गए। तिब्बत के शिगात्से क्षेत्र में आए 7.1 तीव्रता के इस भूकंप से 53 लोगों की मौत हो चुकी है, और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। इसके बाद कई आफ्टरशॉक्स भी महसूस किए गए हैं, जिससे लोगों में दहशत फैल गई है। यह भूकंप नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी से जोड़कर देखा जा रहा है। 16वीं सदी के फ्रांसीसी भविष्यवक्ता माइकल डी नास्त्रेदमस ने 2025 में आने वाली आपदाओं की भविष्यवाणी की थी, जिसमें भूकंप, बाढ़, वैश्विक अशांति, महाशक्तियों का टकराव, आर्थिक उथल-पुथल, साइबर हमले, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख किया था। तिब्बत में आया यह भूकंप भी उनकी भविष्यवाणियों के अनुरूप समझा जा रहा है।
नास्त्रेदमस की 2025 की भविष्यवाणियां
नास्त्रेदमस ने अपनी किताब "लेस प्रोफेइट्स" में 2025 के लिए कई भयंकर घटनाओं की भविष्यवाणी की थी, जिनमें प्रमुख रूप से प्राकृतिक आपदाएं, वैश्विक संघर्ष, और पर्यावरणीय संकट शामिल थे। इस किताब में 900 से अधिक रहस्यमय कविताएं लिखी गई थीं, जिनमें से कई की व्याख्या समय के साथ पूरी हुई है। उनका कहना था कि 2025 में पृथ्वी पर कई बड़े भूकंप होंगे, नदियां उफान पर होंगी और मौसम की स्थिति तेजी से बिगड़ेगी। वैज्ञानिकों के अनुसार, समुद्र के जल स्तर में वृद्धि और बर्फीले पहाड़ों का पिघलना इस दिशा में पहले से ही चेतावनी दे रहा है। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के मुताबिक, 2025 में और भी प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं, जिनमें भूकंप, बाढ़ और अन्य आपदाएं शामिल हैं।
क्या नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी सच हो सकती है?
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों की व्याख्या हमेशा रहस्यमय तरीके से की जाती है, और इन्हें हमेशा स्पष्ट रूप से साबित नहीं किया जा सकता। हालांकि, उनकी कविताएं अक्सर मानवता के व्यापक चिंताओं और पर्यावरणीय संकटों को उजागर करती हैं। 2025 के लिए उनकी भविष्यवाणियां इस समय की राजनीतिक, पर्यावरणीय और सामाजिक परिस्थितियों से मेल खाती हैं। इस बीच, तिब्बत में आए इस भूकंप ने नास्त्रेदमस के भविष्यवाणियों को एक नई दिशा दी है, जिससे लोग भविष्य में और भी आपदाओं और संकटों के लिए तैयार हो रहे हैं।