भारत के पहले गगनयान मिशन पर जाएंगे तीन वैज्ञानिक,10 हजार करोड़ का है बजट

punjabkesari.in Friday, Dec 28, 2018 - 05:32 PM (IST)

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम (Gaganyaan Mission) को मंजूरी दे दी है। मोदी कैबिनेट ने तीन वैज्ञानिकों को स्पेस में भेजने की अनुमति दी है। इस स्पेस कार्यक्रम का नाम गगनयान (Gaganyaan) रखा गया। कैबिनेट फैसले के मुताबिक 3 वैज्ञानिकों को कम से कम 7 दिनों के लिए अंतिरक्ष में भेजा जाएगा जिसकी अनुमानित लागत 10 हजार करोड़ रुपए होगी।

PunjabKesariअंतरिक्ष में मानव को भेजने वाला चौथा देश होगा भारत
अगर गगनयान प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो भारत अंतरिक्ष में मानव को भेजने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमरीका, रूस और चीन यह कारनामा कर चुके हैं।

2006 में की गई थी गगनयान मिशन की परिकल्पना
रिपोर्ट के मुताबिक गगनयान (Gaganyaan) का विकास करने की परिकल्पना 2006 में यूपीए सरकार के शासनकाल में हुई की गई थी। इस अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारतीय वैज्ञानिकों को कम से कम एक सप्ताह के लिए अंतरिक्ष में भेजने के लिए स्पेस क्राफ्ट तैयार करने की योजना बनाई थी। हालांकि उस वक्त इस स्पेस कार्यक्रम की कोई समय सीमा तय नहीं की गई थी लेकिन पीएम मोदी ने इसके लिए 2022 तक का लक्ष्य रखा था। गगनयान के तबह तीन वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में भेजकर उन्हें फिर धरती पर लाने की क्षमता का विकास किया जाएगा।

PunjabKesariरूस करेगा गगनयान मिशन में भारत की मदद
गगनयान इस महत्वाकांक्षी योजना में भारत का सबसे पुराना मित्र रहा रूस हमारी मदद करेगा। बीते दिनों भारत-रूस शिखर वार्ता के लिए नई दिल्ली आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिरमीर पुतिन ने भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान में सहायता करने की इच्छा जताई थी। गगनयान कार्यक्रम के लिए रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो की मदद करेगा। इसके लिए दोनों ही देशों के बीच समझौता हो चुका है।

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  • 2022 तक भेजा जाएगा गगनयान मिशन।
  • 7 दिन स्पेस में रह सकेंगे भारतीय एस्ट्रोनॉट।
  • मोदी ने इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर इस मिशन की घोषणा की थी।
  • राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष यात्रा करने वाले पहले भारतीय थे, लेकिन मिशन रूस का था। 

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति की गुरुवार रात हुई बैठक में इसकी मंजूरी दी गई। इसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा वाले अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि वास्तविक मानव मिशन से पहले दो बार बिना मानव के मिशन को अंजाम दिया जाएगा जिनमें प्रक्षेपण यान, मॉड्यूल तथा अन्य सभी उपकरणों सहित पूरी प्रक्रिया वास्तविक मिशन की तरह ही होगी। अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाने वाले मॉड्यूल और अन्य सभी उपकरणों को अंतरिक्ष में वांछित कक्षा तक पहुंचाने के लिए जीएसएलवी एम के-3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जाएगा। 


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shukdev

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