यह है गुजरात की ''बैट वुमेन'', 400 चमगादड़ों को बनाया अपना परिवार

punjabkesari.in Friday, May 25, 2018 - 06:41 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केरल से शुरू हुए निपाह वायरस का खौफ पूरे भारत में है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भी अलर्ट कर दिया गया है। मंत्रालय की ओर से एक एडवाइजरी जारी कर सभी राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वहीं इसी बीच एक बुजुर्ग महिला ने चमगादड़ों को अपना परिवार बना लिया है और वह उनके साथ बेफिक्र होकर रहती है। अहमदाबाद से करीब 50 किमी दूर स्थित राजपुर गांव की शांताबेन प्रजापति अपने घर में 400 चमगादड़ों के साथ रहती है। जिनकी कहानी सुन हर कोई हैरान रह जाता है। 
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प्रजापति के इस शौक की वजह से गांव वाले उन्हे चमचिड़ियावाला बा (चमगादड़ों के साथ रहने वाली दादी) नाम से बुलाते हैं। शांताबेन का कहना है कि उन्होंने निपाह वायरस के बारे में सुना है लेकिन उन्हे कोई डर नहीं है। उन्होंने बताया कि वह चमगादड़ों के साथ एक दशक से रह रही हैं, यह उनका परिवार हैं। जब वह घर के आंगन में खाना बनाते हैं या सोने जाती हैं तो ये चमगादड़ अपना वंश बढ़ाते हैं, इससे इनकी संख्या बढ़ती जाती है। उनके घर की सभी दिवारों में चमगादड़ चिपकी हुई दिखाई देती हैं। 

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प्रजापति ने बताया कि एक दशक पहले चमगादड़ों के झुंड ने उनके घर की दिवार पर अपना घर बना लिया था। उस समय व​ह काफी डर गई थी। क्योंकि विशेषज्ञों द्वारा इन चमगादड़ों की पहचान लंबी पूंछ वाले जंतु के तौर पर की गई है जो रात में उड़ते हैं और सुबह वापस अपने घर आ जाते हैं। इस छोटे से समूह ने उनके पूरे घर को अपना बना लिया है। शांताबेन अपने घर में अकेले इन चमगादड़ों के साथ रहती हैं। वह बदबू से निजात पाने के लिए दिन में दो बार नीम और कपूर जलाया करती हैं और एक बाल्टी भरकर लीद इकट्ठा करती हैं। उन्होंने बताया कि आस-पड़ोस के कुछ घरों में भी चमगादड़ रहते हैं लेकिन उन्होंने वायरस के डर से उनसे निजात पा ली है। लेकिन शांताबेन ऐसा नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि वह अपनी मौत तक उन्हें खुद से अलग नहीं करेंगी। 
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vasudha

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