रेलगाड़ियों के डिब्बों, एसी बसों में होगा इस विषाणुनाशक तकनीक का इस्तेमाल, सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण को कम करने में होगा प्रभावी
punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 07:12 AM (IST)
नई दिल्लीः विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विकसित विषाणुरोधी नयी तकनीक सार्स-सीओवी-2 के हवा में संक्रमण को कम करने में पूरी तरह प्रभावी है और कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए इसे रेलगाड़ियों के डिब्बों, एसी बसों तथा अन्य बंद परिसरों में लगाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी।
Ultra Violet-C Technology developed by #CSIR, Ministry of Science & Technology, deactivates viruses, bacteria, fungus, other bio - aerosols etc. Effective against airborne Pandemic Virus. For installation in Railway coaches, AC Buses, closed spaces etc. pic.twitter.com/HVQoVrtDSf
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) January 17, 2022
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर पांच राज्यों में आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीमित क्षमता के साथ बंद परिसरों में बैठक के दौरान इस प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए कहेगी। महामारी के मद्देनजर कुछ दिनों के लिए रैलियों और रोड शो पर आयोग द्वारा प्रतिबंध के बीच यह कदम उठाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि रेलगाड़ियों के डिब्बों, वातानुकूलित बसों और संसद भवन में विषाणुनाशक प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है और अब यह आम जनता के लिए शुरू की जा रही है। सिंह ने कहा कि सीएसआईआर-सीएसआईओ (केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन) के माध्यम से मंत्रालय द्वारा विकसित अल्ट्रावायलेट-सी प्रौद्योगिकी सार्स-सीओवी-2 के हवा में संक्रमण को कम करने में पूरी तरह प्रभावी है और कोविड के बाद के समय में भी प्रासंगिक रहेगी।