भोजन में छिपी ये चीज पुरुषों को बना रही नामर्द, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 11:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क : पुरुषों में लगातार कम होती प्रजनन क्षमता पर वैज्ञानिकों ने एक नया बड़ा खुलासा किया है। हाल ही में हुई रिसर्च में पाया गया है कि खेती में उपयोग किए जाने वाले आम कीटनाशक पुरुषों की फर्टिलिटी पर गंभीर असर डाल सकते हैं। अध्ययन के अनुसार Neonicotinoids नामक कीटनाशक स्पर्म काउंट को कम करते हैं और प्रजनन तंत्र को कमजोर बना देते हैं।

क्या पाया गया अध्ययन में?

एनवायर्नमेंटल रिसर्च जर्नल में प्रकाशित इस समीक्षा में 2005 से 2025 के बीच किए गए 21 प्रयोगों का विश्लेषण किया गया। रिसर्च में यह सामने आया कि इन कीटनाशकों के संपर्क में आने वाले नर चूहों में—

  • स्पर्म की संख्या में कमी
  • स्पर्म की गतिशीलता (मोबिलिटी) घटना
  • स्पर्म की संरचना में गड़बड़ी
  • टेस्टिस के टिश्यू को नुकसान जैसे गंभीर प्रभाव देखे गए।

वैज्ञानिकों का कहना है कि चूंकि ये कीटनाशक खेती में व्यापक रूप से इस्तेमाल होते हैं, इसलिए इनके प्रभाव का खतरा इंसानों में भी बढ़ सकता है।

विशेषज्ञों की राय

रिसर्च की प्रमुख लेखिका सुमैया एस. इरफान के अनुसार, 'Neonicotinoids के संपर्क से स्पर्म क्वालिटी खराब होती है, हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और टेस्टिकुलर टिश्यू को नुकसान पहुंचता है।'

उनकी सहयोगी वेरोनिका जी. सांचेज का कहना है, 'कीटनाशकों के अवशेष भोजन में भी रह जाते हैं, इसलिए इनका असर धीरे-धीरे आम लोगों की फर्टिलिटी पर पड़ सकता है।'

क्यों बढ़ रही है चिंता?

हालांकि ये अध्ययन चूहों पर किया गया था, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पर्म उत्पादन की प्रक्रिया सभी स्तनधारियों में लगभग समान होती है। इसलिए इस असर को इंसानों के लिए भी खतरनाक माना जा रहा है। अमेरिका में एक सर्वे में पाया गया कि तीन साल से ऊपर की आधी आबादी के शरीर में Neonicotinoids के अंश मौजूद थे। बच्चों में ये स्तर और भी अधिक पाए गए। कीटनाशक पौधों में पूरी तरह समा जाते हैं, इसलिए फल और सब्जियां धोने के बाद भी इनके अवशेष शरीर में जा सकते हैं।

कैसे नुकसान पहुंचाते हैं ये रसायन?

रिसर्च के अनुसार - 

  • शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है
  • स्पर्म सेल्स और डीएनए क्षतिग्रस्त होते हैं
  • हार्मोन सिग्नलिंग प्रभावित होती है
  • टेस्टिस के टिश्यू को नुकसान होता है

इन कारणों से स्पर्म बनने की प्रक्रिया बाधित होती है और फर्टिलिटी रेट में गिरावट आती है।


 


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Content Editor

Mehak

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