इस डॉक्टर ने कर दिखाया चमत्कार, भारत में पहली बार हुई कुत्ते की ऐसी सर्जरी, जानें पूरा मामला

punjabkesari.in Monday, Jun 17, 2024 - 02:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश की राजधानी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित सिस्टम मैक्स पेट्स केयर अस्पताल जानवरों के इलाज के लिए नंबर वन है। इस अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहे एक डॉक्टर ने एक कुत्ते का इलाज करके ऐसा कमाल किया है, जो अब तक भारत के किसी भी और अस्पताल में नहीं हुआ है। इस डॉक्टर ने जानवरों के मेडिकल के क्षेत्र में मिरिकल करके दिखाया है। 

इस सर्जरी को करने वाले कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर का नाम डॉ. भानु देव शर्मा है। डॉक्टर शर्मा ने कहा कि वह इस फील्ड में 16 सालों से जानवरों का इलाज करने का काम कर रहे हैं। जब डॉक्टर से इस हार्ट सर्जरी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया की दिल्ली का रहने वाला बीगल जूलियट नाम का कुता पिछले दो सालों से माइट्रल वॉल्व की बीमारी से पीड़ित था। जानवर में ऐसी स्थिति की शुरुआत तब होती है, जब माइट्रल वाल्व लीफलेट्स में अंदुरनी परिवर्तन होते हैं। 

जिसके कारण हार्ट के लेफ्ट साइड में ब्लॉकेज होने लगते हैं। लेकिन इस सर्जरी के बाद हार्ट के अंदर ब्लड सर्कुलेशन वापस से ठीक हो जाता है। अगर इस बीमारी का इलाज वक्त रहते नहीं किया गया, तो हार्ट फेल होने की संभावना हो सकती है। जिस वजह से कुत्तों की जान चली जाती है। बता दें कि इस प्रकार की बीमारी स्मॉल ब्रीड वाले कुत्तों में देखी जाती है।

2 साल पहले हुई थी ऐसी सर्जरी
डॉक्टर भानु देव ने आगे बताया कि इस प्रकार की बीमारी में सिर्फ मेडिसिन और डायलिसिस का सहारा लिया जाता था। लेकिन कुछ साल पहले चीन के शंघाई में एक ट्रेनिंग सेंटर में इस सर्जरी के बारे में सबसे पहले रिसर्च किया गया था, जिसमें डॉक्टर भी शामिल थे।इसके बाद सबसे पहले USA के कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी अंदर इस सर्जरी को 2 साल पहले किया गया था। अब इस सर्जरी को सक्सेसफुली भारत में पहली बार किया गया है। सर्जरी की कीमत की बात करें, तो डॉक्टर ने बताया कि ये सर्जरी 8 से 10 लाख रुपए में पूरी हो जाती है।

हाइब्रिड सर्जरी
डॉक्टर भानु देव ने बताया कि कुत्ते के अंदर एक वाल्व क्लैंप का उपयोग करके ट्रांसकैथेटर एज-टू-एज रिपेयर (टीईईआर) प्रक्रिया की, जिसे हाइब्रिड सर्जरी कहा जाता है। यह एक माइक्रो सर्जरी और इंटरवेंशनल प्रक्रिया का संयोजन है। इस प्रक्रिया के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह न्यूनतम इनवेसिव है, क्योंकि यह धड़कने वाले दिल की प्रक्रिया है। यह ओपन हार्ट सर्जरी की तरह नहीं है, जिसके लिए हृदय, फेफड़े की बाईपास मशीन की आवश्यकता होती है।


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Content Editor

Mahima

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