साइलेंट किलर है ये वाला कैंसर, पता ही नहीं चलता लक्षण और हो जाती है मौत

punjabkesari.in Monday, Apr 07, 2025 - 12:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कैंसर का नाम सुनते ही एक डर मन में बैठ जाता है और जब बात पैंक्रियाज यानी अग्न्याशय के कैंसर की हो, तो डर और बढ़ जाता है। इसकी वजह है कि यह कैंसर बेहद खामोशी से शरीर के अंदर बढ़ता है और जब तक इसके लक्षण सामने आते हैं तब तक यह काफी आगे बढ़ चुका होता है। इसलिए इसे 'साइलेंट किलर' कहा जाता है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि पैंक्रियाज कैंसर क्या है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

साइलेंट किलर क्यों कहलाता है पैंक्रियाज कैंसर?
पैंक्रियाज कैंसर को 'साइलेंट किलर' इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण या तो होते ही नहीं या फिर इतने सामान्य होते हैं कि लोग उन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जैसे ही लक्षण स्पष्ट रूप से दिखने लगते हैं, तब तक यह कैंसर अपने एडवांस स्टेज में पहुंच चुका होता है, जिससे इलाज करना मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि इससे पीड़ित ज्यादातर मरीजों को देर से इलाज मिल पाता है और कई बार समय पर इलाज न मिलने की वजह से जान तक चली जाती है।

पैंक्रियाज कैंसर के शुरुआती और सामान्य लक्षण
इस बीमारी के लक्षण कई बार आम से लगते हैं, लेकिन बार-बार ये संकेत मिलें तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है। आइए जानते हैं ऐसे कौन-कौन से लक्षण हैं जो नजरअंदाज नहीं करने चाहिए—

  • पेट या पीठ के ऊपरी हिस्से में लगातार दर्द

  • अचानक वजन कम होना

  • भूख कम लगना या न लगना

  • स्किन और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया जैसा लक्षण)

  • मिचली या उल्टी महसूस होना

  • अत्यधिक थकान

  • गहरे रंग का पेशाब और हल्के रंग का मल

  • अचानक डायबिटीज का पता चलना

अगर इनमें से कोई भी लक्षण लगातार बने रहें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

किसे ज्यादा खतरा होता है इस कैंसर का?
कुछ लोगों में इस कैंसर का खतरा सामान्य से कहीं ज्यादा होता है। आइए जानते हैं वो कौन लोग हैं जिन्हें सतर्क रहना चाहिए—

  • जो लोग अधिक मात्रा में धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं

  • 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति

  • जिनके परिवार में पहले किसी को कैंसर हो चुका हो (फैमिली हिस्ट्री)

  • मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोग

  • असंतुलित खानपान और निष्क्रिय जीवनशैली वाले लोग

इन सभी लोगों को अपनी सेहत को लेकर और भी ज्यादा सजग रहने की जरूरत है।

क्यों है पैंक्रियाज का शरीर में इतना महत्व?
पैंक्रियाज एक ऐसा अंग है जो पेट के पीछे की तरफ होता है और यह डाइजेशन यानी पाचन के लिए जरूरी एंजाइम बनाता है। इसके अलावा यह इंसुलिन का निर्माण भी करता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब इस अंग में कैंसर होता है, तो शरीर के कई जरूरी काम प्रभावित हो जाते हैं।

क्या पैंक्रियाज कैंसर का इलाज संभव है?
हां, अगर यह समय रहते पकड़ में आ जाए तो इसका इलाज संभव है। शुरुआती स्टेज में सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के माध्यम से मरीज को ठीक किया जा सकता है। लेकिन देर से डायग्नोस होने पर यह उपचार जटिल हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि शरीर के किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें और समय-समय पर मेडिकल जांच कराते रहें।

कैसे करें बचाव?
हालांकि किसी भी प्रकार के कैंसर से बचाव की गारंटी नहीं दी जा सकती, लेकिन कुछ सावधानियां रखकर इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है—

  • धूम्रपान और शराब का सेवन पूरी तरह छोड़ दें

  • संतुलित आहार लें और जंक फूड से बचें

  • नियमित रूप से व्यायाम करें

  • वजन को नियंत्रण में रखें

  • ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कराते रहें

  • समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं, खासकर अगर परिवार में किसी को कैंसर रहा हो


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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