झारखंड सरकार ने पोर्न बताकर बैन की 'यह' किताब

punjabkesari.in Monday, Aug 14, 2017 - 11:13 AM (IST)

नई दिल्ली: झारखंड सरकार ने डॉ. हांसदा सोवेंद्र शेखर की किताब ‘आदिवासी विल नॉट डांस’ पर बैन लगा दिया है। सरकार ने संथाली महिलाओं के पोर्न चित्रण का आरोप लगाने के साथ-साथ शेखर पर कानूनी कार्रवाई का भी आदेश दिया है। गौरतलब है कि 2015 में शेखर को अपनी किताब 'द मिस्टीरियस एलमेंट ऑफ रूपी बास्की' के लिए सम्मानित किया गया था। शेखर झारखंड की राजधानी रांची के पास ही पाकुर में रहते हैं और पेशे से डॉक्टर हैं।

संस्कृति को गलत तरीके से पेश करने का आरोप
जानकारी के मपताबिक, किताब 'द आदिवासी विल नॉट डांस' की एक कहानी 'नवंबर इज द मंथ ऑफ माइग्रेशन्स' को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। इस किताब में एक ऐसी महिला की कहानी है जिसे महज 50 रुपयों और कुछ पकौड़ों के लिए जिस्मफरोशी करनी पड़ती है। राज्य सरकार ने इस कहानी पर आदिवासी संस्कृति को बदनाम करने और संथाल महिलाओं को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाते हुए अश्लील करार दिया है। दरअसल, शेखर पर अंग्रेजी में लिखने, संथाल समुदाय की छवि को नुकसान पहुंचाने और फायदा कमाने के लिए उन्हें बदनाम करने का आरोप है। शेखर के खिलाफ की गई इस कार्रवाई की आलोचना भी हो रही है। शेखर खुद भी संथाल हैं। शेखर की इस किताब को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है।

शेखर को मिल रही धमकियां
शेखर को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है, उनकी आलोचना करते हुए सार्वजनिक पत्र लिखे जा रहे हैं। शेखर को धमकियां भी दी जा रही हैं और कई जगहों पर उनका पुतला भी जलाया गया। जिन साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने शेखर के खिलाफ अभियान चलाते हुए उन्हें दिया गया अवॉर्ड वापस लिए जाने की मांग की थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा शेखर के मामले को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में भारी हंगामा भी किया था, शाम होते-होते प्रदेश बीजेपी सरकार के सीएम रघुवर दास ने 'द आदिवासी विल नॉट डांस' की सभी प्रतियां जब्त करने का आदेश जारी कर दिया। 


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