भारत में ओमिक्रॉन से आएगी कोरोना की तीसरी लहर, वैज्ञानिकों ने बताया-कब आएगा पीक...कब मिलेगी राहत?
punjabkesari.in Wednesday, Dec 22, 2021 - 09:41 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना का नया वैरिएंट आने देश में फिर से डर और भय का माहौल बनना शुरू हो गया है। इसी बीच वैज्ञानिकों के अनुमानों के अनुसार देश में कोरोना की तीसरी लहर अगले साल फरवरी में चरम पर रह सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार हालांकि ओमिक्रोन की वजह से मामलों में आने वाली तेजी दूसरी लहर की तुलना में हल्के में रहने की संभावना है। साथ ही एक महीने में मामलों में तेजी से कमी आने की संभावना होगी। देश में COVID-19 संक्रमण की गति को ट्रैक करने वाले 'सूत्र मॉडल' के अनुसार दैनिक केस आने वाले दिनों में बढ़ने की उम्मीद है।
साथ ही अनुमानों से संकेत मिलता है कि अप्रैल तक मामले काफी कम हो जाएंगे और मई तक ये गिरकर वर्तमान स्तर पर पहुंच जाएंगे। 'सूत्र मॉडल' IIT-हैदराबाद के एम विद्यासागर और IIT-कानपुर के मनिंद्र अग्रवाल द्वारा बनाया गया था। दोनों राष्ट्रीय COVID-19 सुपरमॉडल समिति के सदस्य भी हैं। विद्यासागर ने बताया कि भारत में अगले साल की शुरुआत में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। साथ ही ये भी कहा गया था कि इसके दूसरे लहर के मुकाबले कम खतरनाक रहने की संभावना है।
एक दिन में डेढ़ से दो लाख आएंगे केस
जानकार बताते हैं कि भारत में दूसरी लहर के दौरान एक दिन में डेढ़ लाख से 1 लाख 80 हजार के बीच केस आ सकते हैं। मनिंद्र अग्रवाल ने दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां मामलों में तीन हफ्तों में तेजी से वृद्धि हुई पर उसमें अब कमी आने लगी है। दक्षिण अफ्रीका में हर दिन औसतन नए केस 15 दिसंबर को बढ़कर 23 हजार तक पहुंच गए थे और अब ये 20 हजार से कम हो गए हैं। मृतकों की संख्या अभी भी दोहरे अंक में है और अभी बढ़ रही है।
ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के आंकड़े भारत के लिए कुछ बेहतर उम्मीद पैदा करते हैं। वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह नहीं पता चल पाया है कि ओमिक्रॉन किस हद तक इम्यूनिटी को मात दे सकता है। बता दें कि ओमिक्रोन के बारे में पहली बार नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में पता चला था। यह तब से कम से कम 90 देशों में फैल गया है और अब यह अमेरिका और कुछ अन्य देशों में प्रमुख वेरिएंट बन गया है।