गारंटर बनना पड़ सकता है महंगा! लोन भरे कोई और जिम्मेदारी उठाएं आप, उससे पहले जानें ये जरूरी बात
punjabkesari.in Friday, Jul 18, 2025 - 02:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जब कोई करीबी दोस्त या रिश्तेदार लोन लेने की स्थिति में होता है और उसे बैंक की तरफ से गारंटर की जरूरत होती है, तो हम भावनात्मक रूप से तुरंत हां कह देते हैं। हमें लगता है कि मदद करना जरूरी है और इसमें हमारा कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन सच्चाई यह है कि गारंटर बनने के कई जोखिम होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना आपके वित्तीय भविष्य को खतरे में डाल सकता है।
गारंटर बनने का क्या मतलब होता है?
गारंटर बनना मतलब यह है कि आपने उस व्यक्ति के लोन की गारंटी ली है। यानी अगर वह लोन नहीं चुका पाता है, तो उस पूरी जिम्मेदारी का बोझ आपके कंधों पर आ जाएगा। बैंक सबसे पहले आपसे ही लोन की रिकवरी की कोशिश करेगा और जरूरत पड़ने पर लीगल नोटिस भी भेज सकता है।
आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है असर
अगर आपने किसी के लिए गारंटी दी है और वह व्यक्ति लोन की किस्त समय पर नहीं भर पाता है, तो सबसे पहला झटका आपके क्रेडिट स्कोर को लगता है। गारंटर की स्थिति में आप भी लोन डिफॉल्टर की कैटेगरी में आ जाते हैं। इससे आपके खुद के भविष्य में लोन लेने की संभावना कम हो जाती है या फिर ज्यादा ब्याज दर पर लोन मिलता है। उदाहरण से समझें: मान लीजिए आपके दोस्त ने ₹5 लाख का पर्सनल लोन लिया और आपने गारंटी दी। लेकिन वह EMI भरना बंद कर देता है। बैंक अब आपसे पूरी रकम ब्याज समेत वसूल सकता है। साथ ही आपका क्रेडिट स्कोर 750 से गिरकर 600 या उससे नीचे भी जा सकता है।
सिर्फ भरोसे से काम नहीं चलता
गारंटर बनने से पहले केवल भरोसे पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। आपको यह जरूर जांचना चाहिए कि जिस व्यक्ति के लिए आप गारंटर बनने जा रहे हैं, उसकी आय कितनी है, उसकी वित्तीय स्थिति कैसी है, उसकी क्रेडिट हिस्ट्री पहले से कैसी रही है, और क्या उसने पहले किसी लोन का भुगतान समय पर किया है। अगर आपको इन किसी भी बातों में थोड़ी भी संदेह हो, तो बेहतर होगा कि आप गारंटर बनने से बचें ताकि बाद में आपको किसी मुश्किल का सामना न करना पड़े।
आप होंगे कानूनी रूप से जिम्मेदार
अगर उधार लेने वाला दिवालिया घोषित हो जाए या विदेश चला जाए या किसी भी वजह से लोन न चुका पाए, तो बैंक पूरी रकम आपसे वसूलेगा। और गारंटी देने के बाद आप इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। बैंक इसे आपकी क्रेडिट लिमिट में भी जोड़ता है, जिससे आपके खुद के लोन लेने की क्षमता घट सकती है।
गारंटी से पीछा छुड़ाना आसान नहीं
कई लोगों को लगता है कि अगर हालात बिगड़े तो वे गारंटी वापस ले लेंगे। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब:
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उधारकर्ता लोन पूरा चुका दे
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बैंक खुद आपको लिखित में मुक्त करे
इससे पहले आप गारंटी की जिम्मेदारी से बाहर नहीं निकल सकते।
गारंटर बनने के कुछ फायदे भी
हालांकि पूरी तरह से नकारात्मक नहीं है यह भूमिका। अगर आप किसी जिम्मेदार व्यक्ति के लिए गारंटर बनते हैं और वह समय पर लोन चुका देता है, तो आपके क्रेडिट स्कोर को भी थोड़ा फायदा मिल सकता है। साथ ही किसी करीबी की आर्थिक मदद करना एक सकारात्मक सामाजिक पहलू हो सकता है। लेकिन इन फायदों के लिए भी यह जरूरी है कि आप सतर्क रहें और समय-समय पर अपना क्रेडिट स्कोर चेक करते रहें।
क्या करें अगर आप गारंटर बनने जा रहे हैं?
गारंटर बनने से पहले पूरी जानकारी लेना बेहद जरूरी है कि लोन किस उद्देश्य से लिया जा रहा है। साथ ही, उधारकर्ता की आय और उसकी लोन चुकाने की क्षमता का सही आकलन करें ताकि भविष्य में परेशानी न हो। लोन से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ना और समझना भी आवश्यक है। इसके अलावा अपनी खुद की क्रेडिट लिमिट और आने वाली वित्तीय जरूरतों को भी ध्यान में रखते हुए निर्णय लें। अगर जरूरत महसूस हो तो किसी एक्सपर्ट या वित्तीय सलाहकार से सलाह लेकर सही निर्णय लेना समझदारी होगी।