15 हजार सैलरी, फ्री खाना और ट्रेवल अलाउंस... चोरों को मिला अनोखा जॉब ऑफर, लोग बोले- कैसे अप्लाई करें?
punjabkesari.in Tuesday, Dec 31, 2024 - 04:25 PM (IST)
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने अंतरराज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश किया। इस गिरोह के सदस्य ट्रेनों और सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल चोरी करते थे और फिर उन्हें नेपाल और बांग्लादेश में बेच देते थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि उनका एक "अधिकारिक पैकेज" था, जिसमें 15 हजार रुपये की सैलरी, मुफ्त खाना और यात्रा भत्ता शामिल था। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स मजाक उड़ा रहे हैं और इस गिरोह में शामिल होने के लिए आवेदन कैसे किया जाए, इस सवाल को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
गोरखपुर में चोर गिरोह का भंडाफोड़
गोरखपुर जीआरपी (गोरखपुर रेलवे पुलिस) ने अंतरराज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक आरोपी नाबालिग है। यह गिरोह ट्रेनों और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के मोबाइल फोन चोरी करता था और इन चुराए गए मोबाइल को नेपाल और बांग्लादेश में बेच देता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से कुल 44 मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 10 लाख रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा, पुलिस को इनसे हथियार और गोला-बारूद भी मिला है।आरोपियों की पहचान झारखंड के साहिबगंज निवासी मनोज मंडल, पहाड़ निवासी करण कुमार और एक नाबालिग के तौर पर हुई है। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल और बाल सुधार गृह में भेज दिया है।
#SrpGorakhpur श्री संदीप कुमार मीना के निर्देशन व #Co_गोरखपुर श्री विनोद कुमार के कुशल नेतृत्व में #जीआरपी_थाना_गोरखपुर व #सर्विलांस_टीम द्वारा रेलवे स्टेशन व भीड़-भाड़ वाले स्थानो पर मोबाइल चोरी करने वाले 1 नफर बाल अपचारी को पुलिस हिरासत व 2 नफर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया pic.twitter.com/YbfeODrvsN
— SP GRP GORAKHPUR (@spgrpgorakhpur) December 27, 2024
एसपी जीआरपी ने क्या कहा?
गोरखपुर जीआरपी के एसपी संदीप कुमार मीणा ने इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नियमित पेट्रोलिंग के दौरान इस गिरोह को पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि आरोपियों के पास से 44 मोबाइल बरामद हुए हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 10 लाख रुपये है। इन आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे रेलवे स्टेशन और बाजारों में लोगों की जेब से मोबाइल चुराते थे। इसके अलावा, बाइक सवारों से भी मोबाइल छीनकर भाग जाते थे।
सोशल मीडिया पर हलचल
इस गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस मामले पर मजेदार प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने लिखा, "क्या इस गिरोह का सदस्य बनने के लिए आवेदन कैसे किया जाए?" तो वहीं एक अन्य यूजर ने कहा, "क्या यह एक उद्यमियों का समूह है, इन्हें बस वैध तरीकों से काम करना चाहिए था। इनके पास कई कॉर्पोरेट्स की तुलना में अच्छा पैकेज है।" कुछ यूजर्स ने तो यह तक पूछ लिया कि क्या ये लोग शेयर बाजार में लिस्टिंग करने की योजना बना रहे हैं। एक यूजर ने तो इस गिरोह की नौकरी को वैरिएबल पे वाले निजी क्षेत्र के मुकाबले बेहतर बताया।
#SrpGorakhpur श्री संदीप कुमार मीना द्वारा गिरफ्तारी व बरामदगी के सम्बन्ध में दी गई बाइट।@Uppolice @upgrp_grp pic.twitter.com/Uk1dU40RSE
— SP GRP GORAKHPUR (@spgrpgorakhpur) December 27, 2024
पुलिस की कार्रवाई और गिरोह का पर्दाफाश
गोरखपुर जीआरपी की टीम ने गिरोह के सदस्य मनोज मंडल, करण कुमार और नाबालिग को गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ की। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह काफी संगठित था और लंबे समय से काम कर रहा था। उन्होंने विभिन्न रेलवे स्टेशनों और सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल चुराने के लिए एक सुव्यवस्थित योजना बनाई थी। इसके बाद चुराए गए मोबाइल को नेपाल और बांग्लादेश में बेचा जाता था, जिससे ये लोग मोटी कमाई करते थे। पुलिस ने गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की पहचान करने के लिए जांच तेज कर दी है और इसके साथ ही मोबाइल की बिक्री के नेटवर्क का भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
गोरखपुर जीआरपी ने इस गिरोह की पूरी कमाई का हिसाब किताब जुटाना शुरू कर दिया है ताकि इससे जुड़े अन्य अपराधियों का भी पर्दाफाश किया जा सके। इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि जहां एक ओर पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयासरत है, वहीं सोशल मीडिया पर लोग कभी-कभी मजाक में भी ऐसी घटनाओं पर प्रतिक्रियाएं देते हैं। हालांकि, यह गंभीर अपराध है और पुलिस ने इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।